महिला सुरक्षा को लेकर उठाए गए कारगर कदम, पर सुधार की जरूरत
दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद प्रदेश में सबसे पहले वर्ष 2015 में गुरुग्राम में महिला थाना खोला गया था जिनकी संख्या अब तीन हो गई है।
हैदराबाद कांड के बाद देश में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस कांड के बाद अन्य जगहों पर महिलाओं के साथ कई ऐसे मामले आए जिसके बाद पुलिस के ऊपर सवालिया निशान लगे। हमारे शहर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए गए? योजनाएं कितनी कारगर साबित हो रही हैं। क्या पीड़िता द्वारा सूचना मिलने के बाद पुलिस तुरंत कार्रवाई करती है, इन्हीं सभी सवालों को लेकर दैनिक जागरण ने पड़ताल की। कुछ महिलाओं से बात भी हुई। बातचीत में यही बात सामने आई कि वर्ष 2012 में दिल्ली में चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद महिला सुरक्षा को लेकर जो पहल हुई, उससे महिलाओं की सुनी तो जाने लगी पर अभी सुधार की जरूरत है।
महिला थाने व महिला हेल्प डेस्क
दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद प्रदेश में सबसे पहले वर्ष 2015 में गुरुग्राम में महिला थाना खोला गया था जिनकी संख्या अब तीन हो गई है। अब जिले के तीनों जोन में अलग-अलग महिला थाने हैं। इन थानों में महिला पुलिसकर्मी ही लगाई गई हैं। पहले जहां महिलाओं को शिकायत लेकर भटकना पड़ता था, अब थानों में वे आसानी से अपनी शिकायत दर्ज कराती हैं। इस साल तीनों थाने में चार हजार से अधिक शिकायत पहुंचीं, जिसमें से 80 फीसद मामले दर्ज किए गए। कुछ मामलों में शिकायत देने वाली महिला ही मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने में पीछे हट गई। महिला थाने खोले जाने से पहले सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क खोली गई थी जो अधिकतर थानों में महिला स्टाफ नहीं होने से बंद हो चुकी है।
दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स
एमजी रोड किनारे अधिकतर क्लब व पब एंड बार अधिक होने की वजह से महिला सुरक्षा की ²ष्टि से यह रोड अतिसंवेदनशील माना जाता है। महिलाओं के खिलाफ वारदात रोकने के लिए वर्ष 2014 में महिला रैपिड एक्शन फोर्स बनाई गई जिसे वर्ष 2018 में महिलाओं व छात्राओं की तत्काल सुरक्षा के लिए दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स का नाम दिया गया। यहां के तीनों जोन में दो-दो महिला पीसीआर तैनात की गई हैं। इनमें महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी होती है। एक जोन के लिए 40 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। ये शिफ्टवाइज पीसीआर पर ड्यूटी करती हैं।
दुर्गा शक्ति की टीमें शहर के शिक्षण संस्थानों व भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में नियुक्त की गई हैं। दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स की पीसीआर शहर में गश्त करती नजर आती है। महिला पुलिसकर्मी स्कूल, कॉलेजों में छात्राओं को जागरूक भी करती हैं। महिला हेल्पलाइन
पुलिस कंट्रोल रूम के सौ नंबर पर सूचना देने के अलावा महिलाओं को तुरंत सहायता के लिए चार साल पहले 1091 महिला हेल्पलाइन नंबर भी चालू किया गया है। इस वर्ष एक जून से 15 दिसंबर तक इन नंबरों पर 453 कॉल आईं जिसमें से 246 कॉल महिलाओं के आपसी झगड़े की थी, वहीं अन्य कॉल मनचले ऑटो चालक या कैब चालक से परेशान होकर महिलाओं ने की थी जिसमें बीस फीसद मामले झूठे निकले। कुछ मामले घरेलू हिसा से भी जुड़े थे। पुलिस कंट्रोल रूम में फोन नहीं रिसीव किए जाने की भी शिकायतें सामने आती हैं। दुर्गा शक्ति एप
वर्ष 2018 में महिलाओं की सुरक्षा के लिए दुर्गा शक्ति एप लांच किया गया था। छात्राओं को यह एप अपने मोबाइल में प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होता है। कोई असामाजिक तत्व किसी महिला या छात्रा को परेशान करेगा, उन्हें दुर्गा शक्ति एप में केवल एक बटन दबाना होगा। इससे महिला की जानकारी दुर्गा शक्ति फोर्स के पास पहुंच जाएगी और वे उस महिला की सहायता के लिए पहुंचेंगी। छह हजार से अधिक महिलाओं ने यह एप डाउनलोड किया है। पिछले चार माह में आठ महिलाओं ने एप का प्रयोग किया, जिन्हें तुरंत सुरक्षा दी गई। इनकी सुनिए
मैं, देर शाम कंपनी से कैब बुक कर घर जा रही थी। सुखराली रोड पर कैब चालक ने मेरे साथ अश्लील हरकत शुरू कर दी। पुलिस मदद के लिए मैंने पुलिस कंट्रोल रूम के सौ नंबर पर कॉल की तो पहले लाइन व्यस्त मिली, बाद में घंटी गई तो कॉल रिसीव नहीं हुई। फिर राहगीर की मदद से मैं किसी तरह से बची और सुबह जाकर थाने में शिकायत दी।
-एक पीड़िता हमारी दादी, सोयायटी से सैर करते वक्त भटककर दूर चली गई थीं। रास्ते में उन्हें दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स की टीम मिली। दादी को परेशान देख महिला पुलिस अफसर ने बात की तो दादी ने बताया कि वह घर भूल गई हैं। पुलिस टीम ने उन्हें घर पहुंचाया। पुलिस टीम मदद नहीं करती तो हमारी दादी भटककर कहीं और चली जाती।
भावना, निवासी सेक्टर 56 महिला सुरक्षा के लिए हमारी कई सेवाएं बेहतर काम कर रही हैं। पुलिस कंट्रोल रूम में कुछ परेशानी आ रही थी, लाइनों की क्षमता बढ़ा दी गई है। शिकायत मिलते ही जांच कर जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
सुभाष बोकन, पुलिस प्रवक्ता