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भूकंप से हिली साइबर सिटी की धरती, सहमे लोग

साइबर सिटी में शुक्रवार की शाम लगभग सवा पांच बजे आए भूंकप के झटकों से सहमें लोग अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 07:25 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 10:22 PM (IST)
भूकंप से हिली साइबर सिटी की धरती, सहमे लोग
भूकंप से हिली साइबर सिटी की धरती, सहमे लोग

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी में शुक्रवार की शाम 5.09 बजे आए भूकंप के झटकों से सहमे लोग अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में महसूस किए गए। गुरुग्राम में इस भूकंप से कहीं से भी किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। भूकंप विशेषज्ञ का कहना है कि भूकंप की ²ष्टि से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र काफी खतरनाक है। यही कारण है कि इसे डैमेज रिस्क जोन फोर में रखा गया है। दिल्ली-एनसीआर एवं हरियाणा स्थित फॉल्ट अगर भूकंप का केंद्र बने तो स्थिति काफी खतरनाक हो जाएगी। इस क्षेत्र में सात फॉल्ट मौजूद हैं, जो अभी सक्रिय नहीं हैं।

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जैसे ही लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए वह अपने-अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए। गगनचुंबी इमारतों में रहने वालों को भूकंप का झटका सबसे पहले महसूस हुआ। उन्हीं में सबसे अधिक डर भी देखा गया। दिल्ली-एनसीआर का क्षेत्र भूकंप की ²ष्टि से काफी संवेदनशील है। यही कारण है कि हल्का झटका भी यहां के लोगों को डरा देता है। यही वजह है कि लोग भूकंप की जानकारी मिलते ही खुद को सुरक्षित रखने के लिए बाहर की ओर भागे। उद्योग विहार, साइबर हब, सेक्टर-31, सोहना रोड और डीलएफ क्षेत्र में स्थित कॉरपोरेट एवं मल्टीनेशन कंपनियों में काम करने काफी देर तक बाहर खड़े रहे।

डीएलएफ साइबर हब स्थित एक कंपनी में काम करने वाले रूपेश कपाड़िया ने बताया कि उनके बगल में बैठे दोस्त को सबसे पहले भूकंप महसूस हुआ। जैसे ही उसने बताया सभी ऑफिस से बाहर जाने लगे। इसी प्रकार से उद्योग विहार स्थित विभिन्न इमारतों में स्थित कार्यालयों में काम करने वाले भूकंप आने के बाद लगभग 20 मिनट तक बाहर ही रहे। इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था।

गनीमत है कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था। यदि इसका केंद्र दिल्ली-एनसीआर एवं हरियाणा स्थित किसी फॉल्ट में होता तो स्थिति काफी विनाशकारी होती। गुरुग्राम में बनी गगनचुंबी इमारतों का भूकंप की ²ष्टि से ऑडिट होना चाहिए।

-डॉ. अभय श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (आपदा-प्रबंधन)


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