जज्बे व जुनून से मिसाल बनी दिवांशी
खेलों को लेकर कॉलेजों की प्रतिभाएं भी आगे आ रही हैं। हाल ही में कर्नाटक में स्के¨टग प्रतियोगिता में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर शहर के सेक्टर नौ कॉलेज की छात्रा दिवांशी ने लगातार 24 घंटे की स्के¨टग का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेश धनेरवाल ने कहा कि दिवांशी ने कॉलेज ही नहीं, शहर का नाम भी रोशन किया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में इस तरह की प्रतिभाओं को तराशने का काम किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: खेलों को लेकर कॉलेजों की प्रतिभाएं भी आगे आ रही हैं। हाल ही में कर्नाटक में स्के¨टग प्रतियोगिता में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर शहर के सेक्टर नौ कॉलेज की छात्रा दिवांशी ने लगातार 24 घंटे की स्के¨टग का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेश धनेरवाल ने कहा कि दिवांशी ने कॉलेज ही नहीं, शहर का नाम भी रोशन किया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में इस तरह की प्रतिभाओं को तराशने का काम किया जाएगा। सात साल की उम्र से शुरू किया अभ्यास
दिवांशी ने बताया कि वह सात साल की उम्र से ही स्के¨टग का अभ्यास कर रही हैं। स्कूल के समय से ही वह विभिन्न स्के¨टग प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं। महरौली रोड स्थित गणपति हाइट्स निवासी दिवांशी स्के¨टग के अभ्यास के लिए रोजाना दिल्ली जाती हैं। अभ्यास के लिए सुबह तीन बजे दिल्ली स्थित चाणक्यपुरी में जाती हैं और सुबह साढ़े छह बजे तक अभ्यास करने के बाद कॉलेज आती हैं। शाम को छह बजे फिर से दिल्ली स्थित विकासपुरी में अभ्यास के लिए पहुंचती हैं। वह रोजाना दस घंटे स्के¨टग का अभ्यास करती हैं। दिवांशी ने बताया कि जब वे कक्षा ग्यारहवीं में थी तो नेशनल स्के¨टग प्रतियोगिता के लिए उन्होंने अपनी दो परीक्षाएं भी छोड़ दी थी। अभी सेक्टर नौ स्थित राजकीय महाविद्यालय में बीसीए तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। फ्री-स्टाइल और रोल बॉल में है रुचि
दिवांशी का कहना है कि उनको फ्री-स्टाइल, रोल बॉल और डांस में भी काफी रुचि है। स्कूल के समय में भी वे डांस प्रतियोगिता, स्के¨टग फ्री-स्टाइल प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थी। उन्होंने बताया कि रॉल बॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से 18 मई 2018 में बेलगाम (कर्नाटक) में स्के¨टग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। 20 कैमरों और ड्रोन के जरिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम निगरानी करती रही। खिलाड़ी के लगातार 24 घंटे स्के¨टग करने के बाद गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के लिए दावेदारी की गई थी। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने स्वीकृति दी। दिवांशी ने बताया कि उनके पिता का उन्हें पूरा सहयोग मिला है। ये हैं उपलब्धियां
राष्ट्रीय स्तर पर स्के¨टग प्रतियोगिता में 2013 से 2016 तक लगातार गोल्ड मेडल मिला है। इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप 2014 में छठे स्थान पर रहीं। प्रदेश स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार भी जीते हैं। दिवांशी अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के प्रतिनिधित्व का लक्ष्य रखती हैं।