उद्यमी बोले, बिजली उपलब्ध नहीं हो तब जनरेटर चलाने की हो छूट
साइबर सिटी के उद्यमियों का कहना है कि ग्रेप लागू होने के बाद भी औद्योगिक इकाइयों को उस सूरत में जनरेटर चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए जब बिजली उपलब्ध नहीं हो।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
साइबर सिटी के उद्यमियों का कहना है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होने के बाद भी औद्योगिक इकाइयों को उस सूरत में जनरेटर चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए जब बिजली उपलब्ध नहीं हो। ऐसा होगा तो कोविड-19 संकटकाल में कारोबारी संकट से जूझ रहे उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। डीजल जनरेटर चलाकर औद्योगिक उत्पादन की लागत तीन गुना तक बढ़ जाती है। यही कारण है कि उद्यमियों द्वारा सिर्फ बिजली की गैर-मौजूदगी में ही जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है। उद्यमी बार-बार यह कह रहे हैं कि उन्हें भी जनरेटर नहीं चलाना बशर्ते उन्हें सरकारी स्तर पर 24 घंटे बिजली की सुचारू आपूर्ति की जाए।
गुरुग्राम में मैन्यूफैक्चरिग क्षेत्र की छह हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें से आटोमोबाइल, इंजीनियरिग, फर्नीचर और मेडिकल क्षेत्र का उत्साह धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा है। ऐसे में बिजली की हर समय ठोस उपलब्धता नहीं होने और डीजल जनरेटर पर पाबंदी होने से इनकी समस्याएं बढ़ जाएंगी। आटो उपकरण निर्माता कंपनी के महाप्रबंधक विशाल डुडेजा का कहना है कि बार-बार अघोषित पावर कट औद्योगिक क्षेत्र की बड़ी समस्या है। बिनौला औद्योगिक क्षेत्र में तो छह से सात घंटे बिजली की आपूर्ति रोजाना प्रभावित रहती है। ऐसे में यहां के उद्यमियों का डीजल जनरेटर के बिना काम ही नहीं चलता है। इस पर पाबंदी लगने पर वह अपने आर्डर भी समय से पूरे नहीं कर पाएंगे। औद्योगिक इकाइयों में काम सुचारू ढंग से चलता रहे इसके लिए ग्रेप के दौरान भी बिजली नहीं होने की सूरत में जनरेटर को चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस मामले में जीआइए की ओर से मुख्यमंत्री और बिजली मंत्री को पत्र भी लिखा गया है।
जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन पावर कट के दौरान उद्योगों को जनरेटर चलाने की अनुमति होनी चाहिए। यदि ऐसा होना संभव नहीं है तो प्रदेश सरकार को औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली के आपूर्ति को सुनिश्चित करने दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
किशन कपूर, चेयरमैन, हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ग्रेप के अंतर्गत डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध का निर्णय औद्योगिक हित में नहीं है। अभी औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं बिजली की बुनियादी सुविधाओं का भी भारी अभाव है। पावर लाइन में खराबी आने पर दिक्कत और बढ़ जाती है।
प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन औद्योगिक क्षेत्रों में सुचारू बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित किए बिना डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं है। इससे औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन का कार्य प्रभावित होगा। इस दिशा में लिए गए निर्णय पर फिर से विचार करने की जरूरत है।
मनोज जैन, उद्यमी