सुंदरकांड पाठ से मानसिक शक्ति का होता है विकास
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कथा हर व्यक्ति को मर्यादित जीवन के लिए प्रेरित करती है। सुंदरकांड के पाठ से व्यक्ति के मानसिक शक्ति का विकास होता है। उनके अंदर की नकारात्मकता का अंत होता है।
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-जैकबपुरा स्थित रामलीला ग्राउंड में चल रही है राम कथा
-बड़ी संख्या में भक्तों ने श्रीराम कथा का किया श्रवण जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कथा हर व्यक्ति को मर्यादित जीवन के लिए प्रेरित करती है। सुंदरकांड के पाठ से व्यक्ति के मानसिक शक्ति का विकास होता है। उनके अंदर की नकारात्मकता का अंत होता है। वह मन, वचन और कर्म तीनों पावन हो जाते हैं। इसके श्रवण से आत्मविश्वास बढ़ता है। रामचरित मानस में सुंदरकांड ऐसा अध्याय है जिसमें श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी की विजय का वर्णन है। कथा एक प्रयोग है। इसके श्रवण से जीवन को संवारा जा सकता है।
यह बातें बृहस्पतिवार देर शाम जैकबपुरा स्थित रामलीला ग्राउंड में आयोजित श्रीराम कथा के दौरान व्यास पीठ पर विराजमान कथा वाचक अजय याग्निक ने कही। व्यास पीठ पूजन और हनुमान चालीसा के पाठ के साथ शुरू हुई राम कथा ने हर किसी को भाव-विभोर कर दिया। श्रीराम कथा के आयोजन से पहले बुधवार को कलश यात्रा निकाली गई थी। कड़ाके की सर्दी के बावजूद कथा श्रवण के लिए हर आयु वर्ग के लोग पहुंच रहे हैं। आयोजन से जुड़े भीमसेन सलूजा ने बताया कि भजन गायक अजय याग्निक ने ने अपनी टीम के साथ मधुर वाणी से संगीतमयी सुंदरकांड का पाठ किया। उन्होंने श्रीराम की महिमा का गुणगान किया।
कथा वाचक ने कहा कि संपूर्ण श्रीरामचरितमानस भगवान श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमान जी के साथ ही श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। किसी भी प्रकार की परेशानी हो वह सुंदरकांड के पाठ से दूर हो जाती है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को हनुमान जी का स्मरण करना चाहिए। उनके स्मरण मात्र से ही प्रबल मानसिक शक्ति की प्राप्ति होती है। कथा के अवसर पर राधे टीम के सदस्य लवली, रजनीश, संजय, कमल, दलीप लूथरा, बबीता, गीतू, नीतू, सुमन, अक्षरा, गीतिका, अनु, शशि, भारती, पूजा, ममता, ज्योति, रितु, सतीश, विक्की, विजय, मोनू, अभिषेक आशु, सन्नी, गौरव व नीटू राघव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।