एमएसएमई से कोयले की खपत का ब्योरा मांगा
एमएसएमई क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में कोयले की वार्षिक खपत को लेकर हरियाणा खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड ने सभी जिला औद्योगिक केंद्रों को एक सर्कुलर जारी किया है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
प्रदेश की माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम (एमएसएमई) क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में कोयले की वार्षिक खपत की जानकारी देने को लेकर हरियाणा खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड ने सभी जिला उद्योग केंद्रों को एक सर्कुलर जारी किया है। इसके माध्यम से उन औद्योगिक इकाइयों का ब्योरा मांगा गया है जो साल में 10,000 मीट्रिक टन से कम कोयले की खपत करते हैं। ऐसी औद्योगिक इकाइयों को अपनी पूरी जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में भर कर देनी होगी। जिला उद्योग केंद्र गुरुग्राम द्वारा एमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों से इस प्रकार की जानकारी मांगी जा रही है।
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोयले की वार्षिक खपत को लेकर जानकारी के लिए जो प्रोफार्मा जारी किया गया है उसमें एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों से नौ प्रकार की जानकारी मांगी गई है। इसमें यूनिट का नाम एवं पता, पंजीकरण संख्या, संचालक का नाम एवं पता, संचालक का संपर्क नंबर व यूनिट में कौन सा काम होता है जिसमें कोयले का इस्तेमाल हो रहा है। यूनिट की कितनी क्षमता, किस प्रकार का ईंधन इस्तेमाल होता है या 100 फीसद कोयले से ही काम होता है व पूरे साल कितने कोयले की आपूर्ति हुई उसकी मात्रा शामिल है इसकी पूरी जानकारी प्रोफार्मा में भरनी होगी।
कोयले की खपत को लेकर मांगी गई जानकारी को लेकर गुरुग्राम के उद्यमी दुविधा में हैं। उनका कहना है कि बॉयलर में कोयले के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया था। उद्यमी मनोज जैन का कहना है कि कोयले की जरूरत के बारे में जानकारी मांगी जा रही है, क्या अब इसकी छूट दे दी गई है।
हर उद्यमी इसे लेकर असमंजस में है। इनका कहना है कि पिछली सर्दी में कोयले के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई थी। इस बारे में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह का कहना है कि इंडस्ट्री में कोयले के इस्तेमाल पर अभी किसी प्रकार की पाबंदी नहीं है। इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
हरियाणा खादी एवं विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड द्वारा एमएसएमई क्षेत्र की इंडस्ट्री को उनकी जरूरत के मुताबिक अच्छी गुणवत्ता वाला कोयला कम कीमत पर मुहैया कराया जाएगा। इसे लेकर प्रदेश के सभी जिला औद्योगिक केंद्रों के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र की कोयले से संबंधित जरूरतों का ब्योरा मांगा गया है।
-गार्गी कक्कड़, चेयरपर्सन, हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड