Move to Jagran APP

प्रॉपर्टी के इंडस्ट्रियल से कॉमर्शियल रूपांतरण पर निर्णय जल्द संभव

इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी के कॉमर्शियल में कनवर्जन (रूपांतरण) को लेकर इस साल नवंबर के अंत तक निर्णय होने की संभावना है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 06:27 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:27 PM (IST)
प्रॉपर्टी के इंडस्ट्रियल से कॉमर्शियल रूपांतरण पर निर्णय जल्द संभव
प्रॉपर्टी के इंडस्ट्रियल से कॉमर्शियल रूपांतरण पर निर्णय जल्द संभव

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी के कॉमर्शियल में कनवर्जन (रूपांतरण) को लेकर इस साल नवंबर के अंत तक निर्णय होने की संभावना है। इसी मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले सेक्टर-14 स्थित आइडीसी क्षेत्र के उद्यमियों व हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) के अधिकारी के बीच बैठक हुई थी। इस दौरान प्रॉपर्टी के रूपांतरण के संबंध में काफी चर्चा हुई। आइडीसी क्षेत्र के कई उद्यमी अपनी को कॉमर्शियल में बदलवाने के इच्छुक हैं मगर शुल्क अधिक होने के कारण वह इसके लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।

loksabha election banner

गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) के अध्यक्ष जेएन मंगला ने बताया कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तभी औद्योगिक प्रॉपर्टी के रूपांतरण को लेकर नीति तैयार की गई थी। अभी तक इस नीति को लेकर कोई खास प्रगति नहीं हुई है। अब एक बार फिर से इसे लेकर बातें शुरू हुई है। उन्होंने बताया कि उद्योग विहार स्थित एचएसआइआइडीसी कार्यालय में कुछ दिनों पहले एचएसआइआइडीसी के मुख्य-समन्वयक सुनील शर्मा के साथ इस पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि नवंबर के अंत तक इसे लेकर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।

जेएन मंगला ने बताया कि इन नीति के तहत यदि कोई अपने इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को कॉमर्शियल में बदलवाना चाहता है तो इसके लिए कुछ शर्तें हैं। पहली शर्त यह है कि औद्योगिक प्रॉपर्टी कम से कम 18 मीटर की हो। वहीं रोड कम से कम 60 फुट की होनी चहिए। इससे कम दायरे वाली प्रॉपर्टी का रूपांतरण नीति के अनुसार संभव नहीं है। उन्होंने बताया अभी को भी प्लाटधारक इस रूपांतरण के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि एचएसआइआइडीसी का रूपांतरण शुल्क अत्यधिक है। वर्तमान में यह शुल्क 16 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है। उद्यमियों की मांग है कि इंडस्ट्रियल से कॉमर्शियल करने का शुल्क एचएसआइआइडीसी के मानक के अनुरूप न होकर नगर निगम के अनुसार हो। नगर निगम का यह रेट काफी कम है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.