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चुनाव : चुनाव में उद्यमियों ने टाल दी हैं आगामी योजनाएं

यूं तो लोकसभा चुनाव हर किसी के लिए विशेष है मगर उद्योग जगत के लिए यह काफी मायने रखता है। चुनावों के परिणाम उद्योग जगत की दशा एवं दिशा का निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र औद्योगिक ²ष्टि से काफी महत्व रखता है। यहां उद्योग विहार मानेसर सेक्टर-37 बहरामपुर दौलताबाद कादीपुर रोजकामेव बावल एवं धारूहेड़ा जैसे औद्योगिक हब हैं। चुनाव के देखने हुए यहां के उद्यमियों ने अपनी आगामी योजनाओं को चुनाव परिणाम आने तक टाल दिया है। उद्यमियों का कहना है कि केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद ही वह अपनी कार्ययोजना को आगे बढ़ाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 07:08 PM (IST)
चुनाव : चुनाव में उद्यमियों ने टाल दी हैं आगामी योजनाएं
चुनाव : चुनाव में उद्यमियों ने टाल दी हैं आगामी योजनाएं

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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यूं तो लोकसभा चुनाव हर किसी के लिए विशेष है, मगर उद्योग जगत के लिए यह काफी मायने रखता है। चुनावों के परिणाम उद्योग जगत की दशा एवं दिशा का निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र औद्योगिक दृष्टि से काफी महत्व रखता है। यहां उद्योग विहार, मानेसर, सेक्टर-37, बहरामपुर, दौलताबाद, कादीपुर, रोजकामेव, बावल एवं धारूहेड़ा जैसे औद्योगिक हब हैं। चुनाव के देखते हुए यहां के उद्यमियों ने अपनी आगामी योजनाओं को चुनाव परिणाम आने तक टाल दिया है। उद्यमियों का कहना है कि केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद ही वह अपनी कार्ययोजना को आगे बढ़ाएंगे।

उद्यमियों का कहना है कि हर राजनीतिक दल और सरकार का विजन अलग-अगल होता है। हर चुनाव के बाद दो ही बातें होती हैं या तो पुरानी राजनीतिक पार्टी की सरकार रिपीट होती है या तो नए राजनीतिक दल को सरकार बनाने का मौका मिलता है। उद्योग जगत के लोग इन दोनों संभावनाओं को लेकर चल रहे हैं। गुरुग्राम के एक उद्यमी का कहना है वर्तमान सरकार की नीतियों और कार्यों से उद्योग जगत वाकिफ है। उद्यमी यह चाहते हैं कि देश में पूर्ण बहुमत वाली मजबूत एवं स्थायी सरकार आए। उद्यमी चुनावी सीजन में अपनी आगामी योजनाओं पर अमल करने से बेहतर चुनाव परिणाम का इंतजार करना अधिक पसंद कर रहे हैं।

उद्यमियों का कहना है कि जब किसी अन्य दल की सरकार बनती है तो उद्योग जगत पर इसका काफी गहराई से प्रभाव पड़ता है। वहीं पुराना राजनीतिक दल फिर से सत्ता में वापसी करता है कि उद्योगों को अपनी रणनीति में अधिक बदलाव नहीं करना पड़ता। न ही सरकार के रुख का अधिक इंतजार करना पड़ता है। नई राजनीतिक दल की सरकार के साथ उद्योगों का सामंजस्य स्थापित करने में अधिक समय लगता है। लोकसभा चुनाव को देखने हुए उद्योग जगत के लोग अपनी आगामी योजनाओं को चुनाव परिणाम आने तक आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। चुनावी माहौल में वह इंतजार करना अधिक पसंद कर रहे हैं। चुनावों का उद्योग जगत पर भी व्यापक असर पड़ता है।

- प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन इस समय उद्यमियों की नजर लोकसभा चुनाव पर टिकी हुई है। यही कारण है कि उनके द्वारा अपनी आगामी योजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। सभी प्रतीक्षा करने की रणनीति को अपना रहे हैं। चुनाव परिणाम आने और नई सरकार के गठन के बाद ही इन पर अमल किया जाएगा।

-किशन कपूर, चेयरमैन हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन


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