लीड- नूंह में मकान मालिक जबरन न वसूलें आवासीय किराया : पंकज
नूंह 30 मार्च ( ) जिले में कार्यरत कर्मचारी / विभिन्न उधोग के श्रमिक जो अधिकांश किराए के मकानों में रह रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नूंह : जानलेवा कोरोना से निपटने के लिए देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। इस कारण जरुरी संस्थानों व संसाधनों को छोड़ सभी कल-कालखाने, कंस्ट्रक्शन व गैरसरकारी कंपनियां बंद हो चुकी है। इससे हर तबका परेशान है। गरीबों पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने नूंह में मकान मालिकों से इंसानियत दिखाते हुए कम से कम एक महीने तक आवासीय किराया नहीं वसूलने का निर्देश दिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है। जिले में अगर कहीं किसी मकान मालिक के खिलाफ जबरन आवासीय किराया वसूले जाने की शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। इस दौरान दोषी को दो साल तक की जेल भी हो सकती है। नगरपालिका सचिव, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा संबंधित थाना प्रभारी को आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
उपायुक्त व जिला मजिस्ट्रेट पंकज कुमार द्वारा कानून से मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए क्षेत्र के मकान मालिकों को किराया नहीं लेने का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि नूंह में रह रहे विभिन्न संस्थाओं के अधिकांश कर्मचारी व श्रमिक किराए के मकान में ही रहते हैं। महामारी का रूप ले चुके कोरोना के चलते वर्तमान में सब कुछ बंद कर दिया गया है, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। कमाई का रास्ता बंद हो जाने के कारण लोग किराया नहीं दे पा रहे हैं। इस कारण कुछ जगहों पर मकान मालिकों द्वारा उन्हें घर से निकाले जाने की घटनाएं भी सामने आई है। वहीं किराया देने में असमर्थ लोग खुद से भी घर खाली कर अपने घरों को लौटने को मजबूर हो रहे हैं। इससे एक तरफ जहां कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन को राहत कार्य और जरुरी सामान उपलब्ध कराने में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण नूंह में मकान मालिकों द्वारा जबरन आवासीय किराया वसूले जाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। यह 20 अप्रैल तक जारी रहेगा। इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।