साइबर क्राइम के खिलाफ लोगों को जागरूक करेगी पुलिस
साइबर सिटी में जालसाजों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसका प्रमाण है केवल साइबर क्राइम थाने में ही प्रतिदिन औसतन 15 शिकायतें आना। अन्य थानों में प्रतिदिन दो से तीन शिकायतें पहुंच रही हैं।
आदित्य राज, गुरुग्राम
साइबर सिटी में जालसाजों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसका प्रमाण यह है कि केवल साइबर क्राइम थाने में ही प्रतिदिन औसतन 15 शिकायतों का आना। अन्य थानों में प्रतिदिन दो से तीन शिकायतें पहुंच रही हैं। इसे देखते हुए गुरुग्राम पुलिस अब आम लोगों को जागरूक करने के ऊपर अधिक जोर देगी। इसके लिए समय-समय पर सेमिनार एवं वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे।
पिछले चार-पांच साल से जालसाजी के मामले अधिक आने शुरू हुए हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम में अलग से थाना बना दिया। उम्मीद थी कि जहां जालसाजी पर रोक लगेगी, वहीं मामले जल्द से जल्द सुलझेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। किसी-किसी मामले की जांच पूरी होने में महीनों लग जाते हैं। सबसे अधिक शिकायतें एटीएम कार्ड की क्लोनिग करने से संबंधित सामने आ रही हैं। इसके अलावा ओएलएक्स से सामान बेचने के नाम पर ठगी करने की है। नौकरी दिलाने के नाम पर एवं टिकट बुकिग के नाम पर भी धोखाधड़ी की शिकायतें भी काफी सामने आने लगी हैं। इस तरह की जा रही है जालसाजी :
जालसाज क्रेडिट कार्ड एवं डेबिट कार्ड की क्लोनिग के लिए एटीएम एवं स्वाइप मशीन में स्कीमर लगा देते हैं। इस वजह से जैसे ही कोई कार्ड स्वाइप मशीन या एटीएम में लगाया जाता है वैसे ही कार्ड की पूरी डिटेल कॉपी हो जाती है। इसके बाद जालसाज कंप्यूटर या अन्य माध्यम से खाली कार्ड में पूरी डिटेल डालकर क्लोन तैयार कर लेते हैं। फिर आसानी से पैसे निकाल लेते हैं। पेटीएम के लिए केवाईसी के बारे में पूछताछ के बहाने जानकारी हासिल करके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। एटीएम कार्ड बदलकर खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। इसके अलावा भी कई तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं। इस महीने दर्ज धोखाधड़ी के मुख्य मामले :
9 नवंबर : पे-फोन एप चालू करने के नाम पर 20 हजार रुपये की धोखाधड़ी
12 नवंबर : हवाई अड्डा पर नौकरी दिलाने के नाम पर सवा लाख रुपये की धोखाधड़ी
21 नवंबर : फ्लिपकार्ट से मोबाइल भेजने के नाम पर 33,587 रुपये धोखाधड़ी
24 नवंबर : कस्टम विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर एक कारोबारी से ठगी
27 नवंबर : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सवा तीन करोड़ रुपये का शेयर बेचने का मामला
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जालसाजी के अधिकतर मामले साइबर क्राइम से संबंधित हैं। इसे देखते हुए जितने भी शैक्षणिक संस्थान हैं उनमें साइबर कोर्स शुरू करने के ऊपर जोर देना चाहिए। इससे लोग साइबर क्राइम से भी बचेंगे और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही सेमिनार एवं कार्यशाला के आयोजन पर जोर दिया जाए। साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है ताकि वे जांच में कम से कम समय लगाएं।
-जेपी सिंह साहनी, निदेशक, इंडियन स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल लोग ऑनलाइन बातचीत के आधार पर पैसों का लेन-देन न करें, किसी को अपने एटीएम कार्ड का पासवर्ड न बताएं, फोन पर यदि कोई पेटीएम के लिए केवाईसी के बारे में पूछताछ करे तो जानकारी न दें सहित कई बातों की जानकारी सेमिनार एवं वर्कशॉप के माध्यम से लोगों को दी जाएगी। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों से लेकर अन्य संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा।
-शशांक कुमार सावन, पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय), गुरुग्राम