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नगर निगम का हाल : 10 महीने में खर्च दिए 184 करोड़, अब बैठ गई जांच

नगर निगम गुरुग्राम में इन दिनों चल रही जांच से खलबली मची हुई है। घोटालों से संबंधित जांच के कई मामलों में जहां रिपोर्ट तैयार होने वाली है वहीं हाल ही में एक और जांच के लिए नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने एक कमेटी गठित की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 04:41 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 04:41 PM (IST)
नगर निगम का हाल : 10 महीने में खर्च दिए 184 करोड़, अब बैठ गई जांच
नगर निगम का हाल : 10 महीने में खर्च दिए 184 करोड़, अब बैठ गई जांच

संदीप रतन, गुरुग्राम

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नगर निगम गुरुग्राम में इन दिनों चल रही जांच से खलबली मची हुई है। घोटालों से संबंधित जांच के कई मामलों में जहां रिपोर्ट तैयार होने वाली है, वहीं हाल ही में एक और जांच के लिए नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने एक कमेटी गठित की है। चार सदस्यीय यह जांच कमेटी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य और सेनिटेशन यानी सफाई के कार्यों, सीएंडडी वेस्ट (मलबा), कूड़ा उठान, एनिमल बर्थ कंट्रोल और बीमारियों की रोकथाम तथा गोशाला से संबंधित नगर निगम में किए गए 184 (183.86) करोड़ के भुगतान की जांच करेगी।

इस जांच कमेटी में संयुक्त आयुक्त सतीश यादव, मुख्य लेखा अधिकारी विजय सिगला, कार्यकारी अभियंता सतपाल और एटीपी सिद्धार्थ संकल्प खंडेलवाल शामिल हैं। निगमायुक्त ने जारी आदेशों में कहा है कि कमेटी को दस दिन के अंदर रिपोर्ट देनी होगी।

खाली हो रहा है निगम का खजाना

नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक एक अप्रैल 2021 से 15 जनवरी 2022 तक विभिन्न कार्याें के लिए 184 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। महज दस माह में ही करोड़ों रुपये खर्च करने को लेकर उच्चाधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। खास बात ये है कि सेनिटेशन ब्रांच यानी सफाई शाखा, सीएंडडी वेस्ट निपटान और एनीमल बर्थ कंट्रोल से संबंधित कार्याें के लिए ही करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया है। बता दें कि पिछले लगभग दो-ढाई साल में ही नगर निगम की एफडी तोड़कर भी लगभग 450 करोड़ रुपये खर्च करने के कारण नगर निगम का खजाना लगातार खाली हो रहा है। अगर यही हालात रहे तो गुरुग्राम नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़ सकते हैं।

जांच के बाद उठ सकता है घोटालों से पर्दा

नगर निगम क्षेत्र में सफाई का कार्य निजी एजेंसियां कर रही है। कचरा प्रबंधन भी ठीक तरह से नहीं होने के कारण जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर लगे हुए हैं। घुमंतू पशुओं को पकड़ने, कुत्तों के बंध्याकरण और टीकाकरण सहित सफाई के कार्यों पर पहले से ही सवालिया निशान लगते रहे हैं। नगर निगम को कई शिकायतें भी मिल चुकी हैं। अगर कमेटी ने बारीकी से जांच की तो घोटालों से पर्दा उठ सकता है।


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