क्राइम फाइल: आदित्य राज
खाकी का जोर आम लोगों पर चलता है खास पर नहीं। यह शहर में हर तरफ दिख रहा है। चारों तरफ पुलिसकर्मी मास्क न पहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्ची लेकर घूमते रहते हैं।
खाकी का आम पर जोर, खास पर नहीं
खाकी का जोर आम लोगों पर चलता है, खास पर नहीं। यह शहर में हर तरफ दिख रहा है। चारों तरफ पुलिसकर्मी मास्क न पहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्ची लेकर घूमते रहते हैं। यदि आम आदमी पानी पीने के लिए भी मास्क हटाता है तो पर्ची काटने पहुंच जाते हैं लेकिन खास के लिए कोई नियम नहीं। चार दिन पहले जिला बार एसोसिएशन की ओर से जिला अदालत के सर शादीलाल हाल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उसमें जिले के कई आला अधिकारी पहुंचे थे। सामने सभागार में बैठे अधिकतर अधिवक्ताओं ने मास्क लगा रखा था लेकिन मंच पर बैठे अधिकारी मास्क से दूर थे। वरिष्ठ अधिवक्ता बनवारीलाल कहते हैं कि कानून के हिसाब से न कोई आम है और न ही कोई खास। सबकुछ पालन कराने वाले के ऊपर निर्भर करता है। जो भी गलत करे, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए।
एसआइटी में शामिल पुलिसकर्मियों की उड़ी नींद
प्रिस हत्याकांड मामले में भले ही सीबीआइ ने चार पुलिस वालों के खिलाफ चालान पेश किया है, लेकिन नींद 10 से अधिक अधिकारियों की उड़ी हुई है। दरअसल, मामले में सीबीआइ ने तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोपित तो केवल चार पुलिस अधिकारियों को बनाया है लेकिन पीड़ित पक्ष का कहना है कि एसआइटी में जितने भी अधिकारी शामिल थे उन सभी के खिलाफ चालान पेश होना चाहिए। केवल चार के खिलाफ चालान क्यों? इस तर्क से अधिकारियों की नींद हराम हो गई है। यदि सीबीआइ की विशेष अदालत ने पीड़ित पक्ष के तर्क को स्वीकार कर लिया तो एक साथ 10 से अधिक अधिकारी चपेट में आ जाएंगे। अधिकारियों की बेचैनी पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल के बयान से बढ़ी हुई है। उन्होंने कहा है कि जो भी तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए वह पूरी ताकत झोंक देंगे। पीसीआर नंबर-35 का खौफ
सुबह हो या शाम सेक्टर-15 पार्ट-दो इलाके में हर तरफ ट्रैफिक का पालन करते हुए लोग दिख जाएंगे। ऐसा इसलिए नहीं कि लोग जागरूक हो गए हैं। दरअसल, इलाके में पीसीआर नंबर-35 का खौफ है। सुबह छह बजे से पीसीआर उस जगह तैनात हो जाती है, जहां से होकर ही इलाके के अधिकतर लोग निकलते हैं। घने कोहरे के दौरान भी पीसीआर में तैनात पुलिसकर्मी नजर रखते हैं कि किसने सीट बेल्ट या हेलमेट नहीं लगा रखा है। परिणाम यह है कि ट्रैफिक नियम को लेकर लोग 24 घंटे अलर्ट रहते हैं। पीसीआर की सक्रियता से इलाके के बुजुर्ग खुश हैं। वे अब किसी भी समय इलाके में टहलने के लिए निकल जाते हैं क्योंकि वाहनों से हादसे का डर नहीं। सभी नियंत्रित रफ्तार में वाहन चलाने लगे हैं। बुजुर्ग राजकुमार वर्मा कहते हैं कि पीसीआर की सक्रियता बनी रहनी चाहिए। कभी-कभी गलियों में भी राउंड मारने की आवश्यकता है।
पगड़ी वाले शख्स के पास रिश्वत कांड की कुंडली
पिछले कुछ दिनों से रिश्वत कांड चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि जब काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी को होटल से उठाया गया था, उस समय खेड़कीदौला थाने की टीम के साथ एक काली पगड़ी वाला सरदार जैसी वेशभूषा वाला शख्स भी था। उसी ने पुलिस को सूचना दी थी कि काल सेंटर संचालक होटल में पहुंचने वाला है। सरदार की पहचान करने के लिए फरीदाबाद विजिलेंस टीम ने पूरी ताकत झोंक रखी है। आरोपित इंस्पेक्टर विशाल से पूछताछ की लेकिन उसके बारे में उसने मुंह नहीं खोला। बताया जाता है कि उस शख्स के पास पूरे मामले की कुंडली है। उसी ने पुलिस महकमे के बड़े अधिकारियों से भी संपर्क किया था। उसके बाद खेड़कीदौला थाना पुलिस ने रिश्वत कांड को अंजाम दिया था। शुरू से इस कांड को लेकर चर्चा गर्म है कि बड़े अधिकारियों के संरक्षण में रिश्वत कांड को अंजाम दिया गया था।