गांव से कोई नहीं आया अंतिम संस्कार में, भाई ने दी मुखाग्नि
रकम और प्रापर्टी के लिए पत्नी साले तथा सास की हत्या करने वाले गैंगस्टर अशोक राठी का अंतिम संस्कार रविवार को पुलिस सुरक्षा में कराया गया।
संवाद सहयोगी, सोहना: रकम और प्रापर्टी के लिए पत्नी, साले तथा सास की हत्या करने वाले गैंगस्टर अशोक राठी का अंतिम संस्कार रविवार को पुलिस सुरक्षा में हुआ। अशोक की हत्या उसके ही गुर्गो ने शुक्रवार को अलीपुर गांव स्थित घर गोली मार कर दी थी। कत्ल करने वाले गुर्गों के बल पर ही अशोक लोगों को डरा धमका कर रंगदारी वसूलता था। मुखाग्नि उसके भाई ने दी और अंतिम संस्कार में केवल परिजन ही शामिल हुए। गांव के लोग अंतिम यात्रा से दूर ही रहे।
हत्या, लूट, रंगदारी सहित कई संगीन मामलों में शामिल रहा अशोक एक मामले में सजा काट रहा था। वह जमानत पर जेल से बाहर आया था। शुक्रवार की सुबह उसके घर पर उसके गुर्गे बॉबी, सोनू, सलीम पहुंचे हुए थे। वे तीन दिन से लगातार आ रहे थे। किसी बात पर उनकी अशोक से कहासुनी हुई और तीनों ने गोली चला हत्या कर दी थी। अशोक का अपने गांव अलीपुर सहित आसपास के लगते गांवों तथा सोहना शहर में आतंक था। करीब आठ साल पहले उसने अपने भाई के साथ हुए झगड़े का बदला लेने के लिए गांव बाजीदपुर निवासी दूध कारोबारी बिलोरी की हत्या कर दी थी। बाद में बिलोरी के भाई की भी हत्या हुई। वह अपने भाई की हत्या मामले में चश्मदीद गवाह था। इस मामले में भी अशोक का ही नाम आया था।
यही नहीं अशोक ने अपने सास, साले की हत्या करने के बाद अपनी पत्नी सुषमा की हत्या करा दी थी। वह उस वक्त जेल में बंद था। बाद में उसने पत्नी के करीबी बन चुके अपने खास आदमी धुनेला निवासी इलियास की भी हत्या करा दी थी। सुषमा गांव की ही रहने वाली थी। अशोक ने प्रेम विवाह किया था। जिसके चलते गांव के लोग पहले से उससे नाराज थे। जेल में रहकर तथा जमानत पर बाहर आने के बाद भी वह सट्टा, रंगदारी व विवादित जमीन पर कब्जा दिलाने के अपराध में संलिप्त था। माना यह जा रहा है कि उसके गुर्गे रकम के लेन-देन में उससे नाराज चल रहे थे। हालांकि पूरी असलियत उनकी गिरफ्तारी होने के बाद सामने आएगी।