जन विकास रैली: रैली में आए लोगों ने पीएम के प्रयासों का सराहा
यहां आयोजित जन विकास रैली में पचास हजार से भी अधिक लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने के लिए पहुंचे थे। सुबह नौ बजे से ही लोग अपनी सीटो पर जम चुके थे। हर कोई पीएम की एक झलक पाने को आतुर दिखा। मुस्लिम समुदाय से भी काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष आए थे। सभी प्रधानमंत्री की कार्यशैली की जमकर सराहना भी की।
संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर (गुरुग्राम): यहां आयोजित जन विकास रैली में पचास हजार से भी अधिक लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने के लिए पहुंचे थे। सुबह नौ बजे से ही लोग अपनी सीटो पर जम चुके थे। हर कोई पीएम की एक झलक पाने को आतुर दिखा। मुस्लिम समुदाय से भी काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष आए थे। सभी प्रधानमंत्री की कार्यशैली की जमकर सराहना भी की। सुल्तानपुर में नरेंद्र मोदी पहली बार आए हैं। उन्होंने हम सभी को केएमपी पर चलने की सुविधा दी है। जिसे लोग जीवन भर भुला नहीं सकते।
श्याम सुंदर कारगवाल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टीवी पर देखा था। आज पहली बार सामने से देखने का अवसर मिला है। उन्होंने बहन बेटियों को जो सम्मान दिया है। उनके नाम पर बहने गर्व महसूस करती है। उनसे पहले किसी भी नेता ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा नही दिया था।
¨पकी, ग्रामीण देश के कुछ स्वार्थी लोग आपसी भाई-चारे को तोड़ने का कार्य करते आ रहे हैं। नरेद्र मोदी में एकता की डोर सो बांधकर की डोर को मजबूत किया है।
सुमन बेटियों को पढ़ाई के लिए दूर दराज के कॉलेजों में जाना पड़ता था। सुल्तानपुर में महाविद्यालय की आधारशिला रखने पर बेटियों की समस्या का समाधान कर दिया है।
पूरन ¨सह नूंह जिले के पिछड़ा होने के कारण युवाओं को रोजगार नही मिल रहा था। भाजपा सरकार राज में बेरोजगार गरीब परिवार के युवा खुशी से जीवन यापन कर रहे हैं। ¨हदू-मुस्लिम धर्म के लोग मिल जुलकर रहने लगे है।
दीन मोहम्मद अल्लाह की दुआ से प्रधानमंत्री ने हमारे क्षेत्र के लोगों की कई साल पुरानी मन्नत पूरी हो गई है। बेटियों की तकदीर की बदल दी है। जो कॉलेज सुविधा मिलने पर बेटियों का अधूरा सपना पूरा हो गया है। उनके दर्शन करने के लिए रैली में आए हैं।
मोहम्मद अंसार केएमपी का सफर इतना सुगम हो जाएगा है कि दिल्ली के रास्ते पलवल आदि शहरों में जाना पड़ रहा था। आज प्रधानमंत्री ने इसका शुभांरभ करके घंटे के रास्ते को सुगम बना दिया है।
- सुंदर कुमार परिजनों को बेटियों को घर से बाहर जाने से डर लगता था। जिसके चलते उच्च शिक्षा नही पढने के कारण घर चौके तक सिमट कर रह जाती थी। देश के पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने बेटियों के सम्मान, रोजगार, शिक्षा आदि को बढ़ावा दिया है।
- कंचन