रिश्वत लेने के आरोपी पटवारी को पांच साल की कैद
नगर निगम में डीसी रेट पर कार्यरत एक पटवारी को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी ठहराते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार मेहता की अदालत ने पांच साल की कैद व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी। जुर्माने की राशि नहीं जमा कराने पर चार महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सरकारी अधिवक्ता व सहायक जिला न्यायवादी रामनिवास यादव ने बताया
जासं, गुरुग्राम: नगर निगम में डीसी रेट पर कार्यरत एक पटवारी को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी ठहराते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार मेहता की अदालत ने पांच साल की कैद व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी। जुर्माने की राशि नहीं जमा कराने पर चार महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
गांव डूंडाहेड़ा निवासी सतपाल ने सात अप्रैल 2017 को स्टेट विजिलेंस में पटवारी अजय कुमार के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत के मुताबिक सतपाल के पिता ने दादालाई प्लाट की रजिस्ट्री अपने तीनों बेटों के नाम कराने को लेकर नगर निगम के पटवारी अजय कुमार को आवेदन दिया था। पटवारी ने कहा था कि उनका प्लाट ग्रीन बेल्ट में है। 10 हजार रुपये रिश्वत देने पर वह प्लाट को लाल डोरे में दिखा देगा। इस बात की शिकायत विजिलेंस में कर दी गई। इसके बाद टीम का गठन कर रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पटवारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। तमाम सबूतों व बयानों के आधार पर आरोपित को अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुना दी।