नगर निगम में कमीशनखोरी का खेल
नगर निगम में ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान करने व फाइलें मंजूर करने के नाम पर कमिशनखोरी का खेल चल रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम में ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों का भुगतान करने व फाइलें मंजूर करने के नाम पर कमीशनखोरी का खेल चल रहा है। ठेकेदारों ने सीधे तौर पर नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों पर वर्क अलॉट करने से पहले और बाद में उस काम के निरीक्षण व राशि भुगतान करने के नाम पर कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। इस संबंध में ठेकेदारों ने एक लिखित शिकायत उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त अमित खत्री को दी है।
ठेकेदारों का कहना है कि पहले नगर निगम में 10 लाख रुपये तक के ठेकों की राशि का भुगतान रोक दिया गया था और अब इन ठेकों में करवाए गए कार्यों का निरीक्षण कर ही ठेकेदारों को भुगतान करने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। आरोप है कि इस कमेटी में शामिल कर्मचारी और अधिकारी भी अब ठेकेदारों द्वारा कराए गए कार्यों का भुगतान करने से पहले ठेकेदारों से कमीशन की मांग कर रहे हैं।
पार्षदों को भी चाहिए कमीशन
ठेकेदारों का कहना है कि छह से सात पार्षद ऐसे हैं जो बिना कमीशन के वार्डों में काम ही नहीं करने देते हैं। ऐसे पार्षदों की शिकायत मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। अगर जरूरत पड़ी तो हड़ताल व आंदोलन भी किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक नगर निगम की अकाउंट व ऑडिट ब्रांच से लेकर इंजीनियरिग विग के जेई, एसडीओ और एक्सईएन तक के कमिशन फिक्स हैं। ऐसे में ठेकेदारों में नगर निगम अधिकारियों के प्रति काफी रोष है।
- नगर निगम में भ्रष्टाचार कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। ठेकेदारों से अधिकारी कमीशन मांगते हैं। पार्षद भी कमीशन के लिए ठेकेदारों को परेशान करते हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी जाएगी।
-अनंत राम, प्रधान ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन नगर निगम गुरुग्राम।
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- इस संबंध में तथ्यों के साथ कोई विशेष शिकायत नहीं मिली है।
-अमित खत्री, उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त गुरुग्राम।