जनप्रतिनिधियों की मदद से पहचाने जाएंगे कोरोना संदिग्ध
कोरोना महामारी से होने वाली मौतों से बचाव के लिए जनप्रतिनिधियों को भी अह्म भूमिका निभानी होगी।
संदीप रतन, गुरुग्राम : कोरोना महामारी से होने वाली मौतों से बचाव के लिए जनप्रतिनिधियों को भी खास भूमिका निभानी होगी। उन्हें कोरोना संदिग्ध मरीजों की जानकारी देने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, ताकि आखिरी स्टेज में अस्पताल पहुंचने से पहले ही लोग बीमारी के प्रति जागरुक रहें और समय पर इलाज करवाएं। इस संबंध में शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय ने प्रदेश के सभी नगर निगमों और नगरपालिकाओं को पत्र जारी कर दिया है। पत्र में कहा गया है कि कोरोना के काफी मामलों में देखा गया है कि लोग बीमार होने पर भी अस्पताल नहीं आ रहे हैं। देरी से अस्पताल पहुंचने से भी मौतें हो रही हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधियों जैसे वार्ड पार्षद, आरडब्ल्यूए और स्थानीय विधायक स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को सूचना दे सकते हैं। इससे समय पर मरीज को आइसोलेट कर संक्रमण आगे फैलने के खतरे को टाला जा सकेगा। बता दें कि गुरुग्राम में 35 वार्ड हैं और 500 से ज्यादा आरडब्ल्यूए हैं। अगर सभी अपने एरिया में नजर रखेंगे, तो संक्रमण फैलने का डर नहीं होगा। लोगों को करना होगा जागरूक
नगर निगम द्वारा अपने पार्षदों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी कि लोगों को जागरूक करें। बीमारी के लक्षण दिखते ही अस्पताल पहुंचकर चिकित्सक से परामर्श लें। आखिरी स्टेज में अस्पताल पहुंचने से मरीजों को रिकवर होने में भी परेशानी आती है। लोगों को यह बताना होगा कि बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। समय पर इलाज कराने वाले मरीज ठीक हो रहे हैं।