कोरोना में सावधानी हटी दुर्घटना घटी जैसे हालात: डॉ. अरोड़ा
प्रसिद्ध आयुर्वेद डॉक्टर परमेश्वर अरोड़ा का कहना है कि आज सभी के दिमाग में यह प्रश्न है कि आखिर इतने समय बाद फिर से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अचानक से इतनी क्यों बढ़ने लगी?
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। प्रसिद्ध आयुर्वेद डॉक्टर परमेश्वर अरोड़ा का कहना है कि आज सभी के दिमाग में यह प्रश्न है कि आखिर इतने समय बाद फिर से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अचानक से इतनी क्यों बढ़ने लगी? तो इसके पीछे भी हमारे द्वारा की गई लापरवाही ही बड़ा कारण है। आर्थिक मजबूरी के चलते बाहर निकलना हमारी मजबूरी है इसी कारण सरकार ने लॉकडाउन को खत्म किया। हमनें संक्रमण से बचने के लिए अति आवश्यक सावधानियों से भी मुंह मोड़ लिया। कहीं ना कहीं हमने इस बीमारी को हल्के में लेना शुरू कर दिया और यही कारण है कि आज ना केवल संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता चला जा रहा है बल्कि मौतों का आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। मास्क लगाना है बहुत जरूरी: अध्ययन बताते हैं यदि आपने मास्क लगाया है और किसी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में भी आ जाते हैं तो यह मास्क काफी कुछ आपका बचाव करेगा। यदि आप संक्रमित हो भी जाते हैं तो आपके शरीर में वायरस बहुत ही कम संख्या में प्रवेश करता है, जिसे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता आराम से संभाल सकती है । हमें बिल्कुल नहीं भूलना:
- हर व्यक्ति को यह ध्यान में रखना है कि बाहर जाना हमारी मजबूरी है इसलिए अति आवश्यक काम से ही बाहर जाएं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से तो बहुत ही बचना है।
- मास्क आज का हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। अत: बहुत ही अनुशासन से सभी लोगों को मास्क का प्रयोग करना है।
- बार-बार साबुन से हाथ धोने हैं एवं बाहर से घर आने पर जूता चप्पल दरवाजे के बाहर छोड़कर सीधे बाथरूम में जाकर कपड़े बदलकर, हाथ मुंह धो कर ही परिवार के अन्य सदस्यों से मिलना हैं।
- 1-1 कप गर्म पानी दिन में दो बार जरूर पीना है।
- लौंग, काली मिर्च या अजवाइन में सेंधा नमक मिलाकर दिन में दो बार जरूर चूसना है।
-हल्दी एवं सेंधा नमक गर्म पानी में डालकर रात में गरारे करें।
- गर्म पानी की भांप रात में सोते समय जरूर लें।
-सुरक्षा कवच काढ़े का दिन में एक बार जरूर प्रयोग करें। डरें नहीं सावधानी बरतें :
कोरोना महामारी को लेकर एक मुख्य बात यह है कि यह वायरस रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने पर हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाता, इसलिए इससे संक्रमित लगभग 80 मरीज को कोई लक्षण नहीं होता और वह समय बीतने पर खुद से ठीक भी हो जाते हैं। बुजुर्गों के लिए जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम होती है में यह बीमारी घातक सिद्ध हो सकती है। लक्षणों की बात करें तो सूखी खांसी, बुखार, गले में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, सूंघने न और स्वाद अनुभव का कम हो जाना आदि मुख्य रूप से देखने को मिलते हैं।