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कपास की फसल बर्बाद, भरपाई की मांग

बारिश का पानी खेतों में भर जाने से कपास की फसल बर्बाद हो रही है। उसकी भरपाई के लिए किसानों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार रणविजय सुलतानिया को ज्ञापन दिया। गुगाना की महिला सरपंच उषा चौहान की अध्यक्षता में काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया। ज्ञापन में कहा कि यह पहला अवसर है जब क्षेत्र की करीब सात से आठ हजा

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 06:48 PM (IST)
कपास की फसल बर्बाद, भरपाई की मांग
कपास की फसल बर्बाद, भरपाई की मांग

संवाद सहयोगी, फरुखनगर : बारिश का पानी खेतों में भर जाने से कपास की फसल बर्बाद हो रही है। उसकी भरपाई के लिए किसानों ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार रणविजय सुलतानिया को ज्ञापन दिया। गुगाना की महिला सरपंच उषा चौहान की अध्यक्षता में काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया। ज्ञापन में कहा कि यह पहला अवसर है जब क्षेत्र की करीब सात से आठ हजार एकड़ भूमि में कपास की खेती की हुई है। गत एक माह से लगातार रुक रुककर हो रही बारिश व तेज हवा के कारण कपास के पौधे में लगे फूल व फल खराब हो गए हैं। खेतों में जलभराव के कारण कपास की फसल नष्ट होने लगी है। उन्होंने कहा कि फसल नष्ट होने से किसानों को प्रति एकड़ करीब 50 हजार रुपये का नुकसान हो गया है। बारिश के कारण शेष बची फसल से भी किसानों की उम्मीद नहीं है। कपास की फसल बर्बाद होने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि खंड के गांव गुगाना, राजुपुर, शेखुपुर माजरी, जराऊ सुंदपुर, पालडी, अलीमुद्दीनपुर, महचाना, महचाना की ढ़ाणी, कारौला, फरीदपुर, पातली, जुडौला, फरुखनगर, मुबारिकपुर, डाबोदा, बसुंडा, तिरपड़ी, खंडेवला आदि गांव की गिरदावरी करवाकर किसानों को पचास हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा राशि दी जाए ताकि उन्हें कर्ज से कुछ राहत मिल सके। इस मौके पर जिला परिषद के उपप्रमुख संजीव यादव, जिला पार्षद विजयपाल यादव , राजपाल प्रधान, जगदीश, सरपंच धनी राम , सुनीता सरपंच , गौरधन, इस मौके पर रामानंद, श्रीराम, मुकेश, कर्ण¨सह, बाबुलाल, बुधराम, शिव शंकर, सुखपाल ¨सह, राम बहादुर, जयवीर, कुलदीप, पवन कुमार, जरनेल ¨सह, रतन ¨सह, फूल¨सह, बिट्टू, बीर¨सह, मंगल ¨सह, जयभवान, राजेंद्र, हेमंत, भागमल, सतपाल आदि किसान मौजूद थे। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में भूजल में लगातार गिरावट आ रही है जिस वजह से रबि फसल की पैदावार बेहतर नहीं हो रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वार सुझाव दिए गए थे कि कपास की खेती में अधिक पानी देने की आवश्यता नहीं होती है। उनके सुझाव मिलने पर पहली बार बड़ी संख्या में किसानों ने कपास की बिजाई का कार्य किया था जो घाटे का सौदा साबित हुआ है।

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