मोबाइल टावर लगी संपत्तियों से कॉमर्शियल टैक्स वसूलेगा निगम
मोबाइल टॉवर लगी संपत्तियों से नगर निगम कॉमर्शियल की दर से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलेगा। इसके लिए नगर निगम की इंजीनिय¨रग ¨वग ने हाल ही में एक सर्वे किया है। सर्वे में पाया गया है कि विभिन्न कंपनियों के ज्यादातर मोबाइल टावर घरों की छत पर लगे हुए हैं, लेकिन घरों से रेजिडेंशियल की दर प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में नगर निगम को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। सर्वे के दौरान जिन रिहायशी संपत्तियों की छत पर मोबाइल टावर लगा है, उनको चिह्नित कर लिया गया है। अब नगर निगम इन संपत्तियों को कामर्शियल प्रॉपर्टी का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजेगा। हर वार्ड की मोबाइल टावरों की लिस्ट तैयार हो चुकी है।
संदीप रतन, गुरुग्राम
मोबाइल टावर लगी संपत्तियों से नगर निगम कॉमर्शियल की दर से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलेगा। इसके लिए नगर निगम की इंजीनिय¨रग ¨वग ने हाल ही में एक सर्वे किया है। सर्वे में पाया गया है कि विभिन्न कंपनियों के ज्यादातर मोबाइल टावर घरों की छत पर लगे हुए हैं, लेकिन घरों से रेजिडेंशियल की दर प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में नगर निगम को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। सर्वे के दौरान जिन रिहायशी संपत्तियों की छत पर मोबाइल टावर लगा है, उनको चिह्नित कर लिया गया है। अब नगर निगम इन संपत्तियों को कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजेगा। हर वार्ड की मोबाइल टावरों की लिस्ट तैयार हो चुकी है। पुराने शहर में है टावरों की ज्यादा संख्या
पुराने शहर की कॉलोनियों में घरों पर लगे मोबाइल टावरों की संख्या ज्यादा है। हालांकि, नए शहर में भी काफी तादाद में मोबाइल टावर लगे हैं, लेकिन कॉमर्शियल प्रॉपर्टी पर ये टावर लगाए गए हैं। इन क्षेत्रों में घरों पर लगे टावरों की संख्या काफी कम है। शहर के प्रताप नगर, न्यू कॉलोनी, ज्योति पार्क, शक्ति नगर, मनोहर नगर, अर्जुन नगर, पटेल नगर, शिवाजी नगर, झाड़सा, इस्लामपुर, वजीराबाद, नाथुपुर, सिकंदरपुर, खांडसा, पटौदी चौक क्षेत्र, गुड़गांव गांव, टेकचंद नगर, भीमनगर, लक्ष्मण विहार, धर्म कॉलोनी, शीतला कॉलोनी और भीमगढ़ खेड़ी सहित काफी जगहों के घरों पर मोबाइल टावर लगे हुए हैं। दरों में यह है अंतर
कॉमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स की दर 15 रुपये प्रति फुट और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स की दर 300 वर्ग गज तक एक रुपये प्रति गज है। इन दरों में काफी अंतर होने व ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स से बचने के लिए ज्यादातर लोग अपने यहां पर किसी भी तरह की कॉमर्शियल एक्टिविटी को उजागर नहीं करते हैं। ऐसे में नगर निगम को कम प्रॉपर्टी टैक्स मिलता है और राजस्व का नुकसान हो रहा है। बॉक्स
पीजी संचालक भी लगा रहे टैक्स में चूना
शहर में दो हजार से ज्यादा पीजी हाउस चल रहे हैं। ज्यादातर पीजी घरों में संचालित हो रहे हैं, लेकिन इनका टैक्स भी कॉमर्शियल के हिसाब से नहीं दिया जा रहा है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक जल्द पीजी संचालकों को नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। कॉमर्शियल दर से प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं करने वाले पीजी को सील किया जाएगा। पीजी की कॉमर्शियल टैक्स दर 7.50 रुपये प्रति फुट है। अगर पीजी किराये पर दे रखा है तो 9 रुपये प्रति फुट के हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाता है।