राजकीय सम्मान के साथ कर्नल प्रीत सिंह का अंतिम संस्कार
सेक्टर-22बी निवासी कर्नल प्रीत सिंह का राजकीय सम्मान के साथ बृहस्पतिवार को सेक्टर-22 स्थित शमशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सात मई की रात गंगानगर से भटिडा जाने के दौरान सड़क हादसे में उनका निधन हो गया। वह सात इंजीनियर रेजिमेंट के कमांडिग ऑफिसर थे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सेक्टर-22बी निवासी कर्नल प्रीत सिंह का राजकीय सम्मान के साथ बृहस्पतिवार को सेक्टर-22 स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सात मई की रात गंगानगर से भटिडा जाने के दौरान सड़क हादसे में उनका निधन हो गया था। वह सात इंजीनियर रेजिमेंट के कमांडिग ऑफिसर थे। परिजनों, रिश्तेदारों, सेना के कई वर्तमान अधिकारियों से लेकर पूर्व सैन्य अधिकारियों व अन्य लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।
मूल रूप से रेवाड़ी जिले के गांव सुरहेली निवासी रघुवीर सिंह व शरबती देवी के चार पुत्रों में से तीसरे नंबर के प्रीत सिंह का जन्म दो फरवरी 1975 को हुआ था। वह मार्च 2001 में सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में चयनित हुए। उनके परिवार में माता-पिता, तीन भाई, पत्नी स्वाति के साथ एक बेटा एवं एक बेटी हैं। उन्हें वर्ष 2006 में राष्ट्रपति द्वारा सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।
प्रीत सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार शाम भटिडा से दिल्ली हेलिकॉप्टर से लाया गया। अंतिम संस्कार में लेफ्टिनेंट जनरल पीपी मल्होत्रा, सेना मुख्यालय से डिप्टी डायरेक्टर जनरल ब्रिगेडियर इंद्र बालन, पूर्व मंत्री राव धर्मपाल, शहीद परिवार कल्याण फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. टीसी राव, सचिव मेजर (रिटा.) एसएन यादव के अलावा रिटायर्ड आइजी कंवर सिंह यादव, ब्रिगेडियर (रिटा.) जसवंत सिंह यादव, ब्रिगेडियर (रिटा.) राजेश शर्मा, कर्नल (रिटा.) रोशन यादव एवं आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष भीम सिंह यादव सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रशासन का प्रतिनिधि शामिल नहीं
शहीद परिवार कल्याण फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. टीसी राव ने अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनिधि नहीं भेजे जाने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कर्नल प्रीत सिंह की मृत्यु डयूटी पर जाने के दौरान हुई है। प्रशासन का प्रतिनिधि अंतिम संस्कार में होना चाहिए था। सेना का सम्मान ही राष्ट्र का सम्मान है। सम्मान में किसी भी स्तर पर कमी नहीं रहनी चाहिए।