कंपनियां पौधे लगाना चाहती हैं, देखभाल करना नहीं
निजी कंपनियां पौधे लगाना चाहती हैं लेकिन देखभाल करना नहीं। इस वजह से सिटी फॉरेस्ट विकसित करने के काम में तेजी नहीं आ रही है।
आदित्य राज, गुरुग्राम
निजी कंपनियां पौधे लगाना चाहती हैं लेकिन देखभाल करना नहीं। इस वजह से सिटी फॉरेस्ट विकसित करने के काम में तेजी नहीं आ रही है। वन विभाग चाहता है कि सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) के तहत निजी कंपनियां पौधे लगाएं। पौधे लगाने के लिए अब तक 15 कंपनियां सामने आई हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें यह कहा गया कि कम से कम चार से पांच साल पौधों की देखभाल करनी होगी, सभी पीछे हट गईं।
प्रदेश सरकार ने अरावली की गोद में बसे गांव सकतपुर, गैरतपुर बास एवं शिकोहपुर की लगभग एक हजार एकड़ भूमि पर सिटी फारेस्ट विकसित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पौधारोपण अभियान की शुरुआत 9 अगस्त को कर दी गई। पहले दिन कुछ कंपनियां पौधे लगाने के लिए सामने आईं लेकिन उसके बाद से सभी गायब हैं।
कंपनियों की ओर से कहा जा रहा है कि उनके कर्मचारी एक ही दिन जाकर अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे। उनसे कहा जा रहा है कि केवल पौधे लगाने से बात नहीं बनेगी बल्कि उनकी देखभाल भी करना आवश्यक है, इस बात पर एक भी कंपनी अब तक राजी नहीं हुई है। इससे पौधारोपण अभियान में जो तेजी आनी चाहिए, नहीं आ रही है। वन विभाग अपने स्तर पर ही अभियान चला रहा है। सिटी फॉरेस्ट के एक भाग में ही लैपर्ड सफारी बनेगा
सिटी फॉरेस्ट के ही एक भाग में उत्तरप्रदेश के इटावा की तर्ज पर लैपर्ड सफारी बनाया जाएगा। इसके लिए फिलहाल 100 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। आगे आवश्यकता पड़ने पर दायरा बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। मुख्य रूप से लैपर्ड सफारी सकतपुर एवं गैरतपुर बास की जमीन पर बनाया जाएगा। इसके लिए ड्राफ्ट प्लान तैयार करने का काम अंतिम चरण में है।
प्लान तैयार होने के बाद स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार के पास भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी। प्रदेश सरकार की मंशा है कि सिटी फॉरेस्ट एवं लैपर्ड सफारी को इस तरह विकसित किया जाए कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से लोग इसे देखने के लिए पहुंचे। तीनों गांवों के दायरे में जितने भी तालाब हैं, सभी को बेहतर किया जाएगा। एक झील का भी निर्माण किया जाएगा। इससे आसपास का बरसाती पानी बर्बाद नहीं होगा। पौधे लगाने के साथ ही उनकी देखभाल के ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखकर निजी कंपनियों से बातचीत की जा रही है। जो कंपनियां देखभाल की शर्ते मानेंगी उन्हें ही पौधारोपण की जिम्मेदारी दी जाएगी। केवल फोटो छपवाने के लिए किसी को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। सिटी फॉरेस्ट व लैपर्ड सफारी विकसित करने का काम साथ-साथ हो सके, इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।
- सुभाष यादव, मंडल वन अधिकारी, गुरुग्राम