चुनाव: जहरीली हवा को लेकर भी नेता जी से जनता सवाल पूछेगी
गुड़गांव लोकसभा सीट जहां हरियाणा की सबसे बड़ी मतदाता वाली सीट वहीं इसमें वह शहर आता जिनकी देश ही नहीं विश्व में अपनी पहचान है। गुरुग्राम के साथ रेवाड़ी भी वैश्विक अपनी पहचान बना चुका है। इन बातों के उलट गुरुग्राम की एक भयावह तस्वीर वायु प्रदूषण को लेकर है। विगत दो सालों से तो एक दो दिन छोड़ शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो कि वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में न रहा हो।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
गुड़गांव लोकसभा सीट जहां हरियाणा की सबसे बड़ी मतदाता वाली सीट है, वहीं इसमें वह शहर आता है, जिसकी देश ही नहीं दुनिया में अपनी पहचान है। गुरुग्राम के साथ रेवाड़ी भी वैश्विक अपनी पहचान बना चुका है। इन बातों के उलट गुरुग्राम की एक भयावह तस्वीर वायु प्रदूषण को लेकर है। विगत दो सालों से तो एक दो दिन छोड़ शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो कि वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में न रहा हो। यहां तक कि अमेरिकी संगठन ग्रीन पीस के हालिया सर्वे में गुरुग्राम को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक माना गया है। बड़ा सवाल यह है कि ऐसी स्थिति आई क्यों? हवा तो नेता, राजनेता, से लेकर अफसर व आमजन भी दूषित ही ले रहे हैं। वह अलग बात है कि उन्होंने घर में एयर प्यूरीफायर लगा रखे हों पर उनकी क्षमता भी एक सीमा तक ही है।
अब जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी गुरुग्राम को देश का सबसे प्रदूषित शहर बता चुका है तो, यहां रहने वालों का कहना है कि यह उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। वोट मांगने के लिए आने वालों से उनका यही सवाल होगा कि वह प्रदूषण को खत्म करने के लिए क्या करेंगे। क्योंकि यहां वायु प्रदूषण का स्तर 400 पीएम 2.5 माइक्रोग्राम प्रति धन मीटर दर्ज होना आम बात है। जबकि 50 पीएम 2.5 से ज्यादा प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषित शहर में सांस लेना, 40 सिगरेट पीने के बराबर है। सर्दी के इस सीजन में कोई दिन ऐसा नहीं बीता जिसमें सांस लेने के लायक हवा रही हो। हालत यह हो गई थी कि शहर में भवन निर्माण पर रोक लगानी पड़ी थी। डीजल ऑटो बंद करने की सिफारिश:
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्ष 2016 में पहले डीजल ऑटो बंद करने की सिफारिश सरकार के पास भेजी थी और वर्ष 2017 जून में प्रदेश सरकार ने घोषणा भी की थी कि गुरुग्राम व फरीदाबाद में डीजल ऑटो बंद किए जाएंगे और उनके स्थान पर सीएनजी ऑटो चलाए जाएंगे लेकिन अमल नहीं हुआ। वोट बैंक प्रभावित नहीं हो इसके लिए नेता भी हवा को जहरीला बनाने वाले डीजल ऑटो को नहीं चलाने की मांग कर रहे हैं। सवाल यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट रोक लगा चुका है तो प्रशासन क्यो मौन है। क्यों आमजन की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वायु प्रदूषण का बड़ा कारण:
शहर में वायु प्रदूषण सबसे बड़ा कारण शहर की सड़कों पर रेहड़ी व डीजल ऑटो वालों का कब्जा होना हैं। शहर में 30 हजार से ज्यादा डीजल ऑटो (सवारी) को बंद कर दिया जाए, तो वायु प्रदूषण में बड़ी राहत मिलेगी। आज शहर की कोई सड़क नहीं बची हुई है जिस पर डीजल ऑटो धुंआ छोड़ता ना दिखे। हर चौक-चौराहे पर ऑटो वालों का कब्जा है। ज्यादातर ऑटो सड़क पर अपने पीछे काले धुएं की लाइन बनाते चलते हैं और कोई रोकने वाला नहीं है। एक डीजल ऑटो 40 टन वजन लेजाने वाले ट्रक के बराबर धुआं दे रहा है। पुराने ऑटो ::
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश थे कि 10 साल पुराने डीजल वाहन सड़क पर नहीं दौड़ेंगे लेकिन शहर की सड़कों पर पांच हजार से अधिक ऑटो दौड़ रहे हैं जो बारह से पंद्रह साल पुराने हैं। पुलिस ने पेट्रोल बाइक पर नकेल कस दी, जबकि वो धुआं नहीं देती है। ऑटो हड़ताल में 45 फीसदी वायु प्रदूषण कम रहा:
पिछले वर्ष 2016 अगस्त माह 29-30 तारीख को शहर में डीजल ऑटो वालों की हड़ताल रही थी। तो शहर का वायु प्रदूषण 29 अगस्त को 18.57 पीएम 2.5 दर्ज किया और 30 अगस्त को 17.52 पीएम 2.5 वायु प्रदूषण दर्ज किया गया था। शहर के हर चौक पर कब्जा:
शहर का कोई चौक चौराहा नहीं बचा, जिसमें ऑटो वालों का कब्जा नहीं है। यही कारण है कि शहर में ट्रैफिक रेंगता है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन भूरेलाल ने प्रदेश के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर यह तय कर चुके हैं कि सड़कें साफ रखने के साथ जाम मुक्त रखनी है ताकि वायु प्रदूषण कम किया जा सके। लेकिन शहर का शायद कोई ऐसा दिन रहा होगा, जिसमें ट्रैफिक की स्थिति न रही हो। शहर में जिस तरह से वायु प्रदूषण का स्तर है उस स्थिति में जो लोग धूमपान नहीं करते हैं वह भी 40 सिगरेट के बराबर प्रदूषण अपने अंदर लेते हैं। नेता अगर वास्तव में जनता के हमदर्द हैं तो उन्हें प्रदूषण कम करने के लिए काम करना चाहिए।
डॉ. एसएस दलाल, पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा देखिए शहर का नाम विश्व में प्रदूषित शहर होने के लिए जाना जाने लगा। शहर में वायु प्रदूषण के कारण क्या है इसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया और सुधार नहीं दिया। परेशानी यह है कि शहर के लोगों 24 घंटे प्रदूषित हवा मिल रही है।
राव नरेंद्र सिंह, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, हरियाणा प्रदूषण कम करने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। लोगों को भी वाहनों का प्रयोग कम करने के लिए पहल करनी होगी। जहां हम पैदल जा सकते वहां कार लेकर क्यों जाएं।
-रमन मलिक, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा