तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे जालसाज
साइबर सिटी में धोखाधड़ी के मामले कम होने के नाम नहीं। शुक्रवार को भी अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज किए गए।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : साइबर सिटी में धोखाधड़ी के मामले कम होने के नाम नहीं। शुक्रवार को भी अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज किए गए। जालसाज तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इससे देखते हुए पुलिस लगातार लोगों से अपील कर रही है कि बिना छानबीन के किसी को अपने खाते के बारे में जानकारी न दें। यदि कोई लिक भेजता है तो उसे ओपन न करें। यदि कोई ओटीपी शेयर करने को कहता है तो न करें। इसके बाद भी लोग जालसाजों के जाल में फंस रहे हैं। फर्जी कागजातों के आधार पर लोन लेने से लेकर जमीन की रजिस्ट्री कराने की शिकायत भी सामने आ रही है।
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एडवांस किराया देने के नाम पर धोखाधड़ी
सुशांत लोक फेज-एक निवासी नरेंद्र कुमार ने अपना मकान किराया पर देने के लिए एक वेबसाइट पर विज्ञापन डाला था। इसके बाद गत वर्ष 26 अक्टूबर को अनिकेत विजय नामक व्यक्ति ने फोन करके स्वयं को सीआइएसएफ अधिकारी बताते हुए कहा कि उसे घर चाहिए। वह फिलहाल अहमदाबाद में तैनात है लेकिन ट्रांसफर दिल्ली हो गया है। वह एडवांस किराये के रूप में 50 हजार रुपये भेज रहा है। इससे पहले उसने अपना आइडी कार्ड, आधार कार्ड सहित कई कागजात ही नहीं बल्कि फैमिली फोटो भी वाट्सएप पर भेज दी। फिर उसने नरेंद्र कुमार का बैंक एकाउंट मांगा। कुछ देर बाद उनके खाते से पांच बार में लगभग एक लाख रुपये की राशि निकाल ली। शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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एप डाउनलोड कराकर धोखाधड़ी
जालसाज बैंकर्स को भी नहीं छोड़ रहे हैं। सेक्टर-53 निवासी एक महिला के साथ हुई वारदात इस बात का प्रमाण है। महिला के पास जालसाज ने फोन किया कि आपके खाते में गलती से कुछ पैसे चले गए हैं। इसके बाद उसने एनिडेस्क एप डाउनलोड कराया। फिर खाते से कई बार 16 लाख रुपये से अधिक निकाल लिए। दो लोगों ने फोन करके उनके साथ धोखाधड़ी की। शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इस मामले से साफ है कि जालसाजों की मीठी बातों के जाल में पढ़े-लिखे लोग भी फंस रहे हैं।
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फर्जी तरीके से दवाइयां बेचने का आरोप
मूल रूप से राजस्थान के झुंझनू जिले के गांव लांबा निवासी बाबुलाल सैनी का गुरुग्राम में ओल्ड दिल्ली रोड पर मारुति कंपनी के नजदीक मेडिकल होलसेल का कारोबार है। वह फर्मास्यूटिकल्स कंपनियों से दवाइयां लेकर रामाया एंटरप्राइजेज नामक कंपनी से बेचते थे। कंपनी पर उनका लगभग 21 लाख रुपये बकाया है। आरोप है कि बकाया राशि लौटाने की बजाय जिन कंपनियों से वह दवाइयां लेते थे, उनसे सीधे रामाया एंटरप्राइजेज दवाइयां लेने लगीं। इसके लिए उनके लोगो, ईमेल और वेबसाइट का उपयोग कर रही है। शिकायत के आधार पर पालम विहार थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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फर्जी कागजात पर ले लिया लोन
फर्जी कागजात के आधार पर साउथ इंडियन बैंक से ढाई करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेने के आरोप में दिल्ली निवासी अमित त्यागी और प्रियंका त्यागी के खिलाफ आइएमटी मानेसर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। फ्लैट खरीदने के नाम पर लोन लिया गया था। किश्तें जमा नहीं करने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। बैंक की ओर से इस बारे में सीरियस फ्राड इंवेस्टिगेशन शाखा के कार्यालय में शिकायत भेजी गई थी। वहां से हरियाणा पुलिस के पास शिकायत पहुंची। छानबीन करने के बाद शिकायत सही मिलने पर मामला दर्ज कर लिया गया। जांच अधिकारी एएसआइ राजबीर सिंह का कहना है कि अमित त्यागी पायलट है। दोनों ने अपने खातों में लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन दिखाया था। इस वजह से बैंक ने लोन पास कर दिया था। जब किश्तें जमा नहीं की गईं फिर फर्जीवाड़ा उजागर हो गया। मामले की छानबीन की जा रही है। जल्द ही पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी।