इंडस्ट्री का आपूर्ति से उत्पादन तक प्रभावित
चाहे कोई आंदोलन हो, हड़ताल हो या बारिश हर परिस्थिति में साइबर सिटी का उद्योग जगत प्रभावित होता है। मंगलवार की सुबह उद्योग जगत के लिए आफत की बारिश हुई। इससे औद्योगिक माल की आपूर्ति से लेकर उत्पादन तक पर नकारात्मक प्रभाव पड़। भारी बारिश और जलभराव के कारण औद्योगिक यूनिटों में कर्मचारियों की उपस्थिति में 40 फीसद तक की कमी रही। उद्यमियों का कहना है कि जो कर्मचारी पहुंचे भी वह भी काफी देरी से।
यशलोक ¨सह, गुरुग्राम
चाहे कोई आंदोलन हो, हड़ताल हो या बारिश हर परिस्थिति में साइबर सिटी के उद्योग पर मार जरूर पड़ती है। मंगलवार की सुबह उद्योगों के लिए आफत की बारिश हुई। इससे औद्योगिक माल की आपूर्ति से लेकर उत्पादन तक बुरी तरह से प्रभावित हुआ। औद्योगिक यूनिटों में कर्मचारियों की उपस्थिति में 40 फीसद तक की कमी दर्ज की गई। जो कर्मचारी काम पर पहुंचे उन्हें भी काफी देरी हो चुकी थी। इससे गारमेंट, ऑटोमोबाइल, लेदर और फूड प्रोसे¨सग कंपनियों में लाखों रुपये का उत्पादन प्रभावित हुआ।
साइबर सिटी प्रदेश ही नहीं देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में से एक है। यहां के उद्योगों को लगातार चुनौतियों और समस्याओं के बीच स्वयं के अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वर्ष में दो से तीन बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो औद्योगिक माहौल के अनुकूल नहीं रहती है। भारी बारिश होने से आम आदमी तो थोड़ा बहुत प्रभावित होता है मगर उद्योगों में तो काम ही थम जाता है। उद्यमी जसप्रीत ¨सह का कहना है कि बारिश के बाद औद्योगिक माल की ढुलाई करने वाले ट्रक जाम में जहां-तहां फंस गए जिससे कच्चा माल समय पर नहीं पहुंच सका। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों के समय से नहीं आ पाने के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा। औद्योगिक विशेषज्ञों का आकलन है कि थोड़ी से देरी से भी उद्योग जगत का 8 से 10 करोड़ रुपये का कामकाज प्रभावित हो जाता है। वहीं ट्रांसपोर्टरों के लिए भी इस बारिश ने बड़ी समस्या खड़ी कर दी। वह समय से माल उद्योगों तक नहीं पहुंचा सके।
उद्योग विहार स्थित गारमेंट इंडस्ट्री के मैनेजर विमल कुमार का कहना है कि समस्या किसी भी प्रकार की हो नुकसान हमेशा उद्योग जगत का हो रहा है। तैयार माल को गंतव्य तक भेजने में बारिश के कारण काफी देरी हो गई है। उद्यमियों और बाहर से से आने वाले प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बातचीत भी प्रभावित हुई। बारिश के साथ-साथ बिजली भी गुल हो गई थी। जो श्रमिक कंपनियों में देरी पहुंचे बिजली नहीं होने से उन्हें काफी देर तक खाली बैठना पड़ा।
--
उद्योग के लिए यह आफत की बारिश साबित हुई। उद्योगों में 30 से 40 फीसद कम कर्मचारी पहुंचे। जो आए भी वह भी देरी से जिससे औद्योगिक उत्पादन में काफी कमी आई।
अनिमेश सक्सेना, प्रेसिडेंट, उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन औद्योगिक यूनिटों में कर्मचारियों की उपस्थिति काफी कमी दर्ज की गई। इससे उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ा। वहीं कच्चे माल की आपूर्ति भी बाधित रही। उद्योगों को इस बारिश के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
- विकास जैन, प्रेसिडेंट, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री