बिजली के भारी बिलों को देख उपभोक्ताओं को लग रहा करंट
बिजली उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा बिल आना पहले ही परेशानी का सबब बना हुआ था।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बिजली उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा बिल आना पहले ही परेशानी का सबब बना हुआ था। अब लॉकडाउन के दौरान बिजली निगम ने बिना रीडिग लिए ही लोगों को औसत रीडिग के आधार पर भारी-भरकम बिल थमा दिए हैं। बिजली बिल देखने के बाद उपभोक्ताओं को भारी झटका लग रहा है। बिजली निगम के अधिकारी लगातार यही दावा कर रहे हैं कि अभी औसत बिल दिए जा रहे हैं। जब रीडिग ली जाएगी तो यह बिल अपने आप ही समायोजित हो जाएगा। उपभोक्ताओं को अधिकारियों के इस दावे पर कतई भी विश्वास नहीं हो रहा है।
बिजली उपभोक्ताओं के पास भारी-भरकम बिल पहुंचना कोई नई बात नहीं है। अधिकतर बिजली उपभोक्ताओं की शुरू से ही गलत तरीके से बिल भेजे जाने की शिकायत आती रही है। बिजली निगम के कार्यालयों में बिजली के बिल ठीक कराने वाले उपभोक्ताओं की भीड़ देखी जाती है। ऐसा नहीं है कि अगर किसी उपभोक्ता का बिल गलती से गलत आ जाता है, तो एक बार कार्यालय जाकर उसे ठीक कराने से वह ठीक हो जाए। उपभोक्ता के कार्यालय जाने पर बिल ठीक कर दिया जाता है, लेकिन अगले महीने फिर वही पुरानी राशि जोड़कर बिल भेज दिया जाता है।
बादशाहपुर के एक उपभोक्ता छतर सिंह ने बताया कि उसका हर महीने दो से ढाई हजार रुपये बिजली बिल आता है। मई के माह में उन्हें बिजली विभाग ने करीब नौ हजार का बिल भेज दिया। बिजली निगम कार्यालय में जब इस संबंध में बात की तो अधिकारियों का एक ही जवाब है कि जब रीडिग ली जाएगी तो अपने आप ठीक हो जाएगा, लेकिन बिजली बिल को ठीक कराना उपभोक्ता के लिए इतना आसान नहीं है, जितनी आसानी से बिजली निगम के अधिकारी बिल ठीक करने की बात कह देते हैं।
वाटिका कुंज के संजीत कुमार का कहना है कि उनका करीब सात हजार का औसत रीडिग के आधार पर बिल आया है। अब इस बिल को ठीक कराने के लिए बिजली निगम कार्यालय के चक्कर ही काटने पड़ेंगे। संतोष कुमार कहते हैं कि बिना रीडिग के ही काफी अधिक बिल भेज दिया है। अब ऐसे आर्थिक संकट के दौर में इतना बिल भरना आसान नहीं है। अगर बिल नहीं भरेंगे तो उस पर सरचार्ज जुड़ जाएगा।