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बिल्डर की नहीं चलेगी मनमानी, तैयार होगा ऑनलाइन सिस्टम

नगर एवं योजनाकार विभाग बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार करेगा। जिससे खरीदार को अर्फोडेबल सोसायटी का फार्म आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 06:59 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 06:18 AM (IST)
बिल्डर की नहीं चलेगी मनमानी, तैयार होगा ऑनलाइन सिस्टम
बिल्डर की नहीं चलेगी मनमानी, तैयार होगा ऑनलाइन सिस्टम

जागरण संवाददाता, नया गुरुग्राम : अर्फोडेबल हाउसिग पॉलिसी के तहत बिल्डर फार्म वितरण में मनमानी नहीं कर पाएंगे। नगर एवं योजनाकार विभाग इसे रोकने के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार करेगा। जिससे खरीदार को अर्फोडेबल सोसायटी का फार्म आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। लोगों को कार्यालय जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। केवल ऑनलाइन सिस्टम पर फार्म भरकर अपलोड करना पड़ेगा।

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नगर एवं योजनाकार विभाग के निदेशक केएम पांडूरंग ने उक्त निर्देश देते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जब तब आइटी विग सिस्टम नहीं तैयार कर लेती तब तक आवेदक को योजनाकार विभाग के कार्यालय से फार्म उपलब्ध कराए जाएं।

अपने इन नए निर्देश की जानकारी निदेशक ने गुरुग्राम के अलावा फरीदाबाद, रोहतक, पंचकूला और हिसार के जोन के नगर योजनाकार अधिकारी को जारी कर दिए हैं। जारी पत्र में कहा गया है कि डेवेलपर (बिल्डर) को सख्त निर्देश दें कि अर्फोडेबल सोसायटी के फ्लैट्स को लेकर फ्लैट्स की संख्या से अधिक फॉर्म तैयार करवाए। ऐसा होने से खरीदार को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। इससे गड़बड़ी होने की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी। दरअसल निदेशक के पास कई शिकायत पहुंची कि खरीदारों को आसानी से फार्म नहीं उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कुछ बिल्डर फ्लैट को अपने लाभ के लिए अपने तरीके से बेच रहे हैं। शिकायतों की पड़ताल के बाद ही निदेशक ने आनलाइन सिस्टम तैयार कराने के लिए पहल की है । यह करना जरूरी

बिल्डर को एसटीपी के माध्यम से अर्फोडेबल हाउसिग पॉलिसी के तहत फ्लैट्स के आवेदन के लिए तीन बार अखबार में विज्ञापन देना होगा। इनमें एक अंग्रेजी जबकि 2 हिदी अखबार होने चाहिए। यह ध्यान रखा जाए कि इनकी कॉपी कम से कम 10 हजार होनी चाहिए। यही नहीं आवेदन लेने के 4 महीने के अंदर पहला ड्रॉ कर दिया जाए। यदि फ्लैट्स बचते हैं तो तीन-तीन महीने के बाद ड्रॉ किया जाए। इसके बाद भी यदि खरीदार नहीं आते हैं तो बिल्डर पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार पर फ्लैट दे सकता है, लेकिन निर्धारित रेट से अधिक राशि नहीं वसूल सकता है।

अर्फोडेबल हाउसिग पॉलिसी में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका से बचने के लिए निदेशक ने ऑनलाइन सिस्टम बनाने का फैसला किया है। जब तक यह सिस्टम तैयार नहीं हो जाता है, तब तक एसटीपी ऑफिस में अर्फोडेबल कॉलोनी के आवेदन फॉर्म उपलब्ध रहेंगे।

- अमरीक सिंह, वरिष्ठ नगर योजनाकार


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