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बिल्डर ने 16 एकड़ सरकारी जमीन पर ही काट दी कॉलोनी

गुरुग्राम में सोमवार को एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। एक बिल्डर द्वारा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की 16 एकड़ से अधिक जमीन पर कॉलोनी काट दी गई है। इस जमीन पर आवासीय और व्यावसायिक दोनों प्रकार की कॉलोनी काटी गई है। अनुमान के मुताबिक सरकारी जमीन की कीमत लगभग 605 करोड़ रुपये है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 08:08 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 08:08 PM (IST)
बिल्डर ने 16 एकड़ सरकारी जमीन पर ही काट दी कॉलोनी
बिल्डर ने 16 एकड़ सरकारी जमीन पर ही काट दी कॉलोनी

फोटो 14 जीयूआर 31

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- एचएसवीपी की जमीन पर बिल्डर ने काटे हैं आवासीय और व्यावसायिक पलॉट

- 1995 में शुरू हुआ था आरडी सिटी का फर्जीवाड़ा, किसी भी मुख्यमंत्री ने नहीं की कार्रवाई

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : गुरुग्राम में सोमवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक बिल्डर द्वारा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की 16 एकड़ से अधिक जमीन पर कॉलोनी काट दी। इस जमीन पर आवासीय और व्यावसायिक दोनों प्रकार के प्लॉट काटे गए। अनुमान के मुताबिक इस सरकारी जमीन की कीमत लगभग 605 करोड़ रुपये है।

अधिकार मंच के पदाधिकारियों ने इस बात की जानकारी सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में दी। आरटीआइ कार्यकर्ता ह¨रद्र ढींगरा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह मेमर्स आरडी ग्रुप ऑफ कंपनीज (14 कंपनियां) से यह जमीन वापस ले, साथ ही फर्जीवाड़ा करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई भी करे। कंपनी का लाइसेंस भी रद किया जाए।

हरिंदर ढींगरा ने बताया कि नगर योजनाकार निदेशालय (डीटीसीपी) की जांच में सेक्टर-51, 52 और 57 में फैली 209 एकड़ की इस कॉलोनी की 58 एकड़ जमीन विवादास्पद पाई गई है। डीटीसीपी हरियाणा की जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। सरकार इस मामले में दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई करे। इस कॉलोनी को आरडी सिटी के रूप में जाना जाता है।

ढींगरा का आरोप है कि इस फर्जीवाड़े की शुरुआत 1995 में पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के समय हुई थी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा तक ने कुछ नहीं किया। अब वर्तमान सरकार भी इस पर कार्रवाई से बच रही है। गुरुग्राम के वजीराबाद क्षेत्र के तहसीलदार और नायब तहसीलदार की जांच में तथ्य सही पाए गए हैं।

इस संबंध में जब आरडी सिटी कंपनी में उपाध्यक्ष अमित हसीजा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला हाईकोर्ट में है, इसलिए वह कुछ कह नहीं सकते हैं। डीटीसीपी की जांच के निष्कर्षो के बाद इस इलाके में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है। निदेशालय की ओर से आगे जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उसी के अनुसार त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

- विनय प्रताप ¨सह, उपायुक्त, गुरुग्राम


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