बजट: रियल एस्टेट क्षेत्र को जीएसटी दर घटने की उम्मीद
आंतरिक बजट एक फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा। हर क्षेत्र की निगाहें इसी पर टिकी हुई हैं। सभी को उम्मीद है कि उन्हें इस बजट से बड़ी राहत मिलेगी। ऐसे में पिछले काफी समय से मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े लोगों को लग रहा है कि यह बजट उनके भविष्य के लिए बेहतर होगा। बिल्डरों की मांग है कि निर्माणाधीन फ्लैट पर जीएसटी दर अभी 12 फीसद है इसे घटा कर पांच फीसद की जाए। ऐसा होगा तो खरीदार उत्साहित होंगे। वहीं वर्ष 2022 तक सभी के लिए घर के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र को विशेष प्रोत्साहन की दरकार है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आंतरिक बजट एक फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा। हर क्षेत्र की निगाहें इसी पर टिकी हुई हैं। सभी को उम्मीद है कि उन्हें इस बजट से बड़ी राहत मिलेगी। ऐसे में पिछले काफी समय से मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े लोगों को लग रहा है कि यह बजट उनके भविष्य के लिए बेहतर होगा। बिल्डरों की मांग है कि निर्माणाधीन फ्लैट पर जीएसटी दर अभी 12 फीसद है इसे घटा कर पांच फीसद की जाए। ऐसा होगा तो खरीदार उत्साहित होंगे। वहीं वर्ष 2022 तक सभी के लिए घर के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र को विशेष प्रोत्साहन की दरकार है।
रियल एस्टेट क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि जीएसटी एवं नोटबंदी के बाद प्रभावित रियल एस्टेट क्षेत्र इससे उबरता दिख रहा है। बस थोड़े से ऑक्सीजन की जरूरत है। इस आंतरिक बजट में राहत मिलती है तो यह क्षेत्र तेजी से आगे की ओर बढ़ जाएगा। यह बड़ा रोजगार प्रदाता क्षेत्र भी है। विशेषज्ञों की मानें तो रियल एस्टेट क्षेत्र का देश के कुछ सकल घरेलू उत्पादन में छह से सात फीसद का योगदान है। वर्ष 2025 तक इसके 13 फीसद तक पहुंचने की उम्मीद है। रिहायशी व कॉमर्शियल क्षेत्र में निवेश बढ़ रहा है। इसकी गति और तेज करने की जरूरत है। किफायती घरों को लेकर उत्साह दिख रहा है बजट में ऐसा प्रावधान होना चाहिए जिससे कि निर्माण, लां¨चग एवं बिक्री में तेजी से इजाफा हो। प्रॉपर्टी मामलों के जानकार संजय शर्मा का कहना है कि गुरुग्राम रियल एस्टेट इंडस्ट्री का बड़ा हब है। बजट में इस क्षेत्र की बेहतरी का प्रावधान होना चाहिए।
रियल एस्टेट पर जीएसटी दर घटाने की जरूरत है। बैंक को किफायती आवास के लिए उदार अवधि ऋण की व्यवस्था करनी चाहिए। यही नहीं आवास ऋण के लिए विशेष ¨वडो भी हो।
-सु¨रदर ¨सह, डायरेक्टर, जीएलएस ग्रुप
2019 के आंतरिक बजट से इस क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं। उम्मीद है कि सरकार स्टांप ड्यूटी को जीएसटी के दायरे में लाएगी। सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर में अधिक आवंटन करने और लोगों की खरीद क्षमता को बढ़ावा देने की जरूरत है।
नेह श्रीवास्तव, अध्यक्ष, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विसेज ऑफिसर्स सोसाइटी