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बिजली निगम की टीम ने जिला में बड़े पैमाने पर पकड़ी बिजली चोरी

सोमवार को जिले भर में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर बिजली चोरी पकड़ी। अभियान को पूरी तरह गुप्त रखा गया। निगम के आला अधिकारियों के सभी अधिकारियों को साफ निर्देश है कि अभियान के बारे में किसी भी प्रकार की कोई भी सूचना किसी स्तर पर लीक नहीं होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 08:55 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 08:55 PM (IST)
बिजली निगम की टीम ने जिला में बड़े पैमाने पर पकड़ी बिजली चोरी
बिजली निगम की टीम ने जिला में बड़े पैमाने पर पकड़ी बिजली चोरी

संवाद सहयोगी, बादशाहपुर (गुरुग्राम): दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारियों ने सोमवार को जिले भर में बड़े पैमाने पर छापेमारी कर बिजली चोरी पकड़ी। अभियान को पूरी तरह गुप्त रखा गया। निगम के आला अधिकारियों के सभी अधिकारियों को साफ निर्देश है कि अभियान के बारे में किसी भी प्रकार की कोई भी सूचना किसी स्तर पर लीक नहीं होनी चाहिए।

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बिजली निगम के जिला में दो सर्कल वन व टू हैं। दोनों सर्कल में बिजली चोरी पकड़ने के लिए 40 टीमें बनाई गई। सभी टीम सुबह से ही बिजली चोरी पकड़ने के लिए छापेमारी में जुट गई। जिला भर में 600 उपभोक्ताओं के घरों और संस्थानों पर छापेमारी की गई। सभी को उपमंडल अभियंताओं ने अपने अपने क्षेत्र में टीमें बनाकर सुबह से ही छापेमारी का काम शुरू कर दिया था। देर रात तक भी कई टीमें छापेमारी में जुटी रही। निगम के सूत्रों के अनुसार सर्कल-टू में एक करोड़ तेरह लाख रुपये बिजली चोरों पर जुर्माना लगाया गया है। सर्कल में 15 टीमों ने 260 स्थानों पर छापेमारी की। 95 स्थानों पर चोरी पकड़ी गई। 494 किलोवाट लोड चोरी पकड़ी गई।

सब अर्बन डिवीजन में डीएलएफ मंडल में 15 व मारुति और साउथ सिटी उपमंडल में 17 चोरी के मामले पकड़े गए। मारुति उपमंडल में बिजली चोरों पर 27 लाख, डीएलएफ उपमंडल में 17 लाख व साउथ सिटी उपमंडल में 44 लाख जुर्माना लगाया गया है।

सोहना डिवीजन के बादशाहपुर उपमंडल में सबसे ज्यादा 21 चोरी पकड़ी गई। सोहना उपमंडल में 10 व तावडू उपमंडल में 15 चोरी के मामले पकड़े गए। सब अर्बन डिवीजन में बिजली चोरों पर नब्बे लाख रूपये और सोहना डिवीजन में चौबीस लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। सर्कल-वन में लगभग बिजली चोरों पर एक करोड़ रुपये जुर्माना राशि लगाई गई है। बिजली चोरों पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश स्तर पर रणनीति बनाई गई। निगम के आला अधिकारियों ने बिजली चोरी पकड़ने के लिए सभी अधीक्षण अभियंता व कार्यकारी अभियंता को निर्देश जारी किए।

निगम ने मार्च माह में भी इस तरह का अभियान चलाकर बिजली चोरी पकड़ी थी। उस समय दो दिन के विशेष अभियान में जिला भर में बिजली चोरों पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। निगम के अधिकारियों से पकड़े गए चोरी के मामलों की जानकारी मांगी गई। कोई भी अधिकारी जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय स्तर पर ही पूरा डाटा उपलब्ध कराया जाएगा।


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