अदालत का निर्देश, आइपीएस भारती अरोड़ा के खिलाफ हुई शिकायत की जांच हो
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) रवीश कौशिक की अदालत ने प्रद
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) रवीश कौशिक की अदालत ने प्रदेश की चर्चित आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा व अन्य के खिलाफ की गई शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं। इस केस का अहम पहलू यह है कि शिकायतकर्ता महिला ने जिस अभिनव चोपड़ा पर अश्लील हरकत करने तथा धमकी देने के आरोप लगाए थे, उसकी दो साल पहले मौत हो चुकी है। भारती मामले में सह-आरोपी हैं। मामला करीब तीन साल पुराना है। शिकायतकर्ता महिला ने अदालत में कहा था कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसे संज्ञान में लेते हुए अदालत ने 13 अप्रैल को दिए गए फैसले में संबंधित थाना प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि मामले की गहराई से जांच की जाए।
शिकायत करने वाली महिला ने कोर्ट में डाली गई याचिका में बताया था कि रेवाड़ी निवासी अभिनव चोपड़ा गुरुग्राम पुलिस में आरएसओ थे। वे मेरे घर पर पांच छह लोगों के साथ आए और कहा कि भारती अरोड़ा के साथ जो विवाद चल रहा है, वह हम सुलटा देंगे। यह कहते हुए उन्होंने अश्लील हरकत का विरोध करने पर जान से मारने तक की धमकी दी थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि सब भारती अरोड़ा के इशारे पर हुआ था।
आइजी रैंक की अधिकारी भारती अरोड़ा को सरकार ने आइजी विजिलेंस (गुरुग्राम ब्यूरो) सोनीपत के राई स्पोर्टस स्कूल की निदेशक व प्रभारी आइजी काउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स की जिम्मेदारी दे रखी है। वह इन दिनों अवकाश पर हैं। भारती के खिलाफ इसी महिला ने दुष्कर्म मामले में अपनी पहचान उजागर करने के आरोप भी लगाए थे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पहचान उजागर करने का आरोप लगा केस दायर किया था। जिसे संज्ञान में लेकर अदालत ने 17 अगस्त 2016 को समन जारी कर दिया था।
अदालत ने उन्हें समन जारी कर 29 सितंबर को अदालत में हाजिर होने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद भारती ने अधिवक्ता के जरिये अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन फाइल किया था। अदालत ने सितंबर 2017 में ही निचली अदालत के आर्डर के खिलाफ स्टे जारी कर दिया था। बाद में अदालत ने निचली अदालत के समन जारी करने के आदेश को निरस्त कर दिया था।
तेजतर्रार महिला आइपीएस अधिकारियों में से एक भारती करीब दो साल पहले गुरुग्राम में संयुक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थीं। वह दुष्कर्म पीड़िता के केस की जांच अधिकारी भी थीं। जांच रिपोर्ट को लेकर ही तत्कालीन पुलिस आयुक्त नवदीप ¨सह विर्क के साथ उनका विवाद सामने आया था। दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए थे। भारती ने सार्वजिनक तौर पर कहा था कि विर्क केस पर एकतरफा रिपोर्ट बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। वहीं दुष्कर्म पीड़िता ने आरोपी पक्ष की मदद करने के आरोप लगाए थे।
हरियाणा सरकार की ओर से चार अप्रैल को हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर जानकारी दी गई थी कि महिला द्वारा 24 जनवरी और 23 मार्च को आइपीएस भारती अरोड़ा के खिलाफ दी गई शिकायत झूठी है। शिकायतकर्ता सेशन कोर्ट रेवाड़ी में ट्रायल कोर्ट का सामना कर रही हैं। भारती अरोड़ा को सराहनीय सेवाओं के लिए इसी साल 26 जनवरी को राष्ट्रपति के पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था। अदालत ने जिस अभिनव चोपड़ा के खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए हैं, उसकी मौत दो साल पहले हो चुकी है। महिला झूठी शिकायतें करने की आदी है। पहले भी झूठी शिकायतें करने व झूठे इल्जाम लगाने को लेकर रेवाड़ी कोर्ट में दो आपराधिक मामले चल रहे हैं। प्रदेश सरकार ने इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही सूचित किया हुआ है। झूठी शिकायतों के आरोप में उसके खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
- भारती अरोड़ा, आइजी, हरियाणा पुलिस