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सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का हो रहा प्रयास

सदर बाजार स्थित जामा मस्जिद से जैकबपुरा अपने कमरे पर जा रहे मुस्लिम समुदाय के एक युवक के साथ मारपीट की घटना सांप्रदायिक मामला नहीं है। यही नहीं मारपीट दूसरे समुदाय से संबंध रखने वाले एक ही युवक के साथ हुई थी न कि चार-पांच युवकों के साथ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 08:46 PM (IST)
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का हो रहा प्रयास
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का हो रहा प्रयास

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : सदर बाजार स्थित जामा मस्जिद से जैकबपुरा अपने कमरे पर जा रहे मुस्लिम समुदाय के एक युवक के साथ मारपीट की घटना सांप्रदायिक मामला नहीं है। यही नहीं मारपीट दूसरे समुदाय से संबंध रखने वाले एक ही युवक के साथ हुई थी न कि चार-पांच युवकों के साथ। शराब के नशे में एक ही युवक ने मारपीट की थी। आसपास के लोगों ने दोनों का झगड़ा छुड़ाया था। समझाने के बाद आरोपित चला गया था जबकि शिकायतकर्ता मौके पर ही था। उसने अपने जानकारों को फोन करके कहा कि चार-पांच लोगों ने उसके साथ मारपीट की। इससे साफ है कि मामले को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया गया। यह गुरुग्राम पुलिस की जांच में सामने आ चुका है। हालांकि पूरी सचाई आरोपित की गिरफ्तारी से सामने आएगी।

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दरअसल, जैकबपुरा में किराये पर रहने वाले मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के गांव हसनपुर निवासी मोहम्मद बरकत आलम की शिकायत है कि शनिवार रात जामा मस्जिद के नजदीक एक समुदाय के युवक ने कहा कि टोपी पहनकर कहां जा रहा है। इसके बाद उनके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि मारपीट के दौरान चार-पांच युवक थे। लेकिन जब नजदीक एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई तो एक युवक के साथ ही उसकी लड़ाई हुई थी। नजदीक तीन-चार लोग थे जिन्होंने दोनों को अलग किया था, यानी झगड़ा छुड़ाया था। शिकायतकर्ता ने की पुलिस आयुक्त से मुलाकात

सोमवार को शिकायतकर्ता ने समाज के कुछ लोगों के साथ पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील से मुलाकात की। पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है। जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों का कहना है कि शराब के नशे में धुत एक युवक की शिकायतकर्ता के साथ मारपीट हुई थी। आसपास के लोगों के समझाने पर आरोपित चला गया था। वह फिर लौटकर भी नहीं आया। ऐसी स्थिति में मामले को सांप्रदायिक रंग देना कहां तक उचित है? इससे पहले होली के दौरान भोंडसी इलाके में भी हुई एक मामले को भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया था। जो लोग भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे सख्ती से निबटा जाए ताकि कोई सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की हिम्मत न करे। गौतम गंभीर ने किया ट्वीट

इस मामले पर दिल्ली से नव-निर्वाचित सांसद व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने सोमवार की सुबह दो ट्वीट किए। पहला ट्वीट करते हुए गौतम गंभीर ने जावेद अख्तर और राकेश ओम प्रकाश मेहरा की याद लोगों को दिलाई। उन्होंने लिखा कि यह गलत है और गुरुग्राम अथॉरिटी को इस मामले में एक्शन लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि हम उस देश में रहते हैं जहां जावेद अख्तर ने लिखा है- ओ पालन हारे, निर्गुण और न्यारे और राकेश ओम प्रकाश मेहरा की दिल्ली 6 ने हमें अर्•िायां गाना दिया है। इसके बाद इसके बाद गौतम गंभीर ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने सेक्युलरिज्म पर मेरे विचार पीएम मोदी का मंत्र हैं- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले पर मैं सिर्फ गुरुग्राम मामले की बात नहीं कर रहा हूं। सहिष्णुता और समावेशी विकास का विचार ही भारत का आधार है।

सीसीटीवी कैमरों से साफ दिख रहा है कि एक ही युवक के साथ शिकायतकर्ता की लड़ाई हुई। पूरी सचाई आरोपित की गिरफ्तारी से सामने आएगी। उसकी गिरफ्तारी के लिए सात टीमें बनाई गई हैं। पहचान होते ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले को गलत दिशा में ले जाना उचित नहीं। यह केवल दो युवकों के बीच का मामला है, न कि किसी धर्म या जाति के बीच का मामला।

- राजीव यादव, सहायक पुलिस आयुक्त (सिटी), गुरुग्राम

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