बैंक कर्मचारी और प्रबंधक भी आ सकते हैं लपेटे में
दि गुड़गांव विपणन सहकारी समिति में 45 लाख रुपये के घोटाले में बैंक कर्मचारी और प्रबंधक भी लपेटे में आ सकते हैं।
महावीर यादव, बादशाहपुर
दि गुड़गांव विपणन सहकारी समिति में 45 लाख रुपये के घोटाले में बैंक कर्मचारी और प्रबंधक भी लपेटे में आ सकते हैं। सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय ने समिति के खाते से पैसे की निकासी के दौरान बैंक प्रबंधक और निकासी करने वाले बैंक कर्मचारियों के नाम मांगे हैं। पूरे घोटाले की जांच के लिए अतिरिक्त रजिस्ट्रार पूनम नारंग को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सहकारी समिति के बाइलॉज में किसी भी परिसमापक (लिक्विडेटर) को बैंक से पैसा निकालने का अधिकार नहीं है। किसी भी समिति के खाते से पैसा निकालने के लिए दो पदाधिकारी अधिकृत होते हैं। इनके बैंक खाते में हस्ताक्षर होते हैं। परिसमापक अगर किसी परिस्थिति में पैसा निकालता है, तो उसके लिए सहायक रजिस्ट्रार की मंजूरी जरूरी होती है। गुड़गांव विपणन सहकारी समिति के खाते से जितने भी पैसे निकाले गए हैं, वे सभी चेक के माध्यम से निकाले गए। बैंक ने 2015 से 2020 तक इस समिति के खाते की पूरी जानकारी सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय को दे दी है। इसमें 30 बड़ी एंट्री के माध्यम से रकम की निकासी की गई है। जो भी चेक दिए गए, उन सभी पर केवल अकेले लिक्विडेटर अरविद कुमार के हस्ताक्षर हैं।
बता दें कि जिस गुड़गांव सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में इस समिति का खाता है। वह बैंक भी सहकारी विभाग का बैंक है। सहकारी समिति के बाइलॉज के बारे में इन बैंक कर्मियों और बैंक प्रबंधन को भी पूरी जानकारी है। समिति के खाते से एक व्यक्ति के हस्ताक्षर पर पैसे नहीं निकाले जा सकते। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना सहायक रजिस्ट्रार की मंजूरी के जब लिक्विडेटर ने चेक पर हस्ताक्षर कर रकम निकाली। उस समय चेक पास करने वाले बैंक कर्मचारी और बैंक प्रबंधक ने इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया? सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय ने पैसे की निकासी के दौरान जो भी कर्मचारी और बैंक प्रबंधक तैनात रहे। उन सभी की पूरी जानकारी मांगी है। जांच अधिकारी अतिरिक्त रजिस्ट्रार पूनम नारंग ने बैंक कर्मचारियों की पूरी जानकारी सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय के माध्यम से मांगी है। पूनम नारंग ने इस मामले में आरोपित अरविद के अलावा निलंबित सहायक रजिस्ट्रार ऋषि कुमार और उप रजिस्ट्रार बंसीलाल के बयान भी लिए हैं।