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बैलेंस शीट: यशलोक सिंह

कोविड-19 महामारी के दौर में उद्योगों की हालत काफी खराब है। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को औद्योगिक भलाई के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए न कि मजाक करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 06:45 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:45 PM (IST)
बैलेंस शीट: यशलोक सिंह
बैलेंस शीट: यशलोक सिंह

दोहरी भूमिका निभा रही है एसोसिएशन

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जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराने के साथ-साथ क्षेत्र को कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त रखने के लिए गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन द्वारा दो स्तरों पर काम किया जा रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव बताते हैं कि वह शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच रोजाना जरूरतमंदों को सूखा राशन उपलब्ध करा रहे हैं। वहीं बुधवार से डुंडाहेडा गांव में किसी भी प्रकार के संक्रमण की संभावना को खत्म करने लिए दवाओं का छिड़काव करा रहे हैं। गांव में यह काम पूरा होने के बाद सेक्टर-21 और 22 क्षेत्र में ऐसा करेंगे। जरूरत हुई तो अन्य क्षेत्र में भी इस प्रकार का छिड़काव कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि छिड़काव के लिए जरूरी ट्रैक्टर की उपलब्धता कम होने के कारण यह काम सिर्फ एक ही ट्रैक्टर के द्वारा कराया जा रहा है। यही नहीं एसोसिएशन द्वारा लोगों से यह अपील भी की जा रही है कि वह लॉकडाउन का उचित पालन करें। मददगार हुए सावधान

कोविड-19 संकट के दौरान कोई भूखे पेट नहीं सोए इसे लेकर कई लोगों द्वारा जरूरतमंदों की हर संभव मदद की जा रही है। ऐसे कुछ लोगों को उस समय काफी निराशा हुई जब उन्हें पता चला कि झुग्गियों में रहने वाले कुछ लोग रोजाना एक से ज्यादा मददगारों को फोन कर उनसे राशन की मांग करते हैं। अब ऐसे माहौल में मददगार काफी सावधान हो गए हैं। उनकी यह कोशिश रहती है कि उनका कोई गलत फायदा नहीं उठा सके। उनके हाथों से सही जरूरतमंदों की ही सहायता हो। झुग्गियों में रहने वालों को मानवीय आधार पर राशन वितरित करने वाले विपुल वर्मा बताते हैं कि अब तो वह इस बात की पूरी पड़ताल करते हैं उन्हें वाकई जरूरत है कि नहीं। कुछ ऐसे भी मददगार हैं जो जमाखोरी से निपटने के लिए सूखा राशन के स्थान पर सिर्फ पका-पकाया खाना ही जरूरतमंदों को मुहैया कराना मुनासिब समझ रहे हैं। मजाक छोड़ राहत दे प्रदेश सरकार

कोविड-19 महामारी के दौर में उद्योगों की हालत काफी खराब है। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को औद्योगिक भलाई के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए न कि मजाक करना चाहिए। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन के चेयरमैन दीपक मैनी का कहना है कि यह बहुत ही निराशाजनक है कि प्रदेश सरकार इस संकट में भी उद्योगों के साथ भद्दा मजाक कर रही है। बिजली के फिक्स चार्ज में उद्योगों को राहत देने का जो दावा सरकार कर रही है वह सिर्फ छलावा है। गुरुग्राम के जो उद्यमी बिजली के फिक्स चार्ज के रूप में हर माह पांच से 10 लाख रुपये का भुगतान करते हैं उनके लिए 10 हजार की सरकारी छूट का क्या फायदा। वहीं छोटे उद्योगों के फिक्स चार्ज माफी का लाभ तभी मिलेगा जब उनके यहां बिजली का उपभोग 50 फीसद से अधिक न हो। ऐसी राहत की घोषणा का क्या फायदा जिससे किसी को भी राहत न मिले।

जीआइए महासचिव पद से इस्तीफा

गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) के महासचिव पद से दीपक मैनी ने इस्तीफा दे दिया है, जिसकी औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच काफी चर्चा है। इसे लेकर लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जीआइए प्रबंधन द्वारा उनके इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया गया है। इस बारे में जब दीपक मैनी से बात की गई तो उन्होंने इसका कोई खास कारण नहीं बताया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि व्यस्तताओं के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के हित में काम करना उनका सबसे बड़ा उद्देश्य है। इस दिशा में वह लगातार काम करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि वह इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन, सेक्टर-37 के चेयरमैन हैं और अपनी इस संस्था के माध्यम से उद्यमियों के हितों की आवाज उठाते रहेंगे। फिलहाल वह अपने एसोसिएशन के माध्यम से जरूरतमंदों को दो वक्त का खाना उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं।


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