Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मस्जिदों के इमाम ने किया स्वागत, शांति की अपील
जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए। किसी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे कि शांति और सद्भाव का माहौल खराब हो।
फरीदाबाद/ गुरुग्राम/ सोनीपत, जेएनएन। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समाज के सभी वर्गों ने स्वागत किया है। ओल्ड फरीदाबाद शाही जामा मस्जिद के इमाम नूर मोहम्मद चंदैनी ने कहा कि कोर्ट का फैसला सभी को कबूल है और उनके लिए मुल्क सबसे पहले है।
इमाम ने कहा कि असल बात मुल्क में भाईचारा कायम रखने की है, मंदिर बने या मस्जिद बने यह कुछ लोगों के लिए बड़ा मुद्दा हो सकता है, हमारे लिए अहम यह है कि सब मोहब्बत, सुकून से रहें। जो फैसला हो गया है, इसे सिर आंखों पर रख कर कबूल किया जाना चाहिए।
वहीं गुरुग्राम के जामा मस्जिद के इमाम जान मोहम्मद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए। किसी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे कि शांति और सद्भाव का माहौल खराब हो।
वहीं, अंजुमन इस्लामिया कमेटी फरीदाबाद की ओर से सेक्टर 19 में आयोजित कार्यक्रम में भाईचारा कायम रखने की शपथ दिलाई गई। कमेटी के अध्यक्ष हाजी वकील अहमद ने कहा कि फैसला देश हित में है और हम सब मुसलमान फैसले का इस्तकबाल करते हैं।
फिल्म निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता अमीना शेरवानी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।उन्होंने कहा कि इससे दोनों धर्मों के लोगों को खुशी मिलेगी। जहां मुसलमानों को दोगुनी जमीन मिल गई वहीं
हिंदुओं की आस्था से भी चोट नहीं पहुंची और उन्हें मंदिर की जगह मिल गई।
उधर, अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद से सोनीपत में धारा 144 लागू कर दी गई है। जिलाधीश डॉ अंशज सिंह ने अमन, चैन व शांति बनाए रखने के लिए जिला में तुरंत प्रभाव से धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
सोनीपत और रेवाड़ी में धारा 144 लागू
वहीं रेवाड़ी में भी धारा 144 लागू कर दी गई है। जिलाधीश द्वारा जारी आदेशानुसार जिला में सार्वजनिक स्थलों पर पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा। कोई भी व्यक्ति तेजधार हथियार जैसे कुल्हाड़ी, चाकू, छुर्रा, तलवार, साईकिल चैन, बरछी, फरसा, जेली, गंडासी, लाठी, बंदूक या पिस्तौल के साथ नहीं घूम सकता।
जिलाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सार्वजनिक रूप से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया स्वरूप जुलूस निकालने, रोष व्यक्त करने या अन्य गतिविधि जिससे समाज में तनाव उत्पन्न हो पर 22 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवलेहना करने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी व्यक्ति को शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा ऐसी अवांछित गतिविधियों की रोकथाम और सख्ती से निपटने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं।
Ayodhya Verdict: अफवाह फैलाने के आरोप में यूपी नव निर्माण सेना अध्यक्ष समेत दो गिरफ्तार