Move to Jagran APP

सुखों की अनुभति ईश्वर स्मरण से ही संभव: स्वामी धर्मदेव

आश्रम हरि मंदिर संस्थाओं के संचालक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा कि सुखों की अनुभूति केवल परमात्मा के नाम स्मरण तथा अच्छे कर्मों से संभव है। स्वामी धर्मदेव महाराज अपनी 15वीं कल्पवास व्रत साधना के दौरान रात्रि सत्संग को संबोधित कर रहे थे। विरक्ति का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 08:13 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:13 PM (IST)
सुखों की अनुभति ईश्वर स्मरण से ही संभव: स्वामी
धर्मदेव
सुखों की अनुभति ईश्वर स्मरण से ही संभव: स्वामी धर्मदेव

संवाद सहयोगी, पटौदी: आश्रम हरि मंदिर संस्थाओं के संचालक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने कहा कि सुखों की अनुभूति केवल परमात्मा के नाम स्मरण तथा अच्छे कर्मो से संभव है। स्वामी धर्मदेव महाराज अपनी 15वीं कल्पवास व्रत साधना के दौरान रात्रि सत्संग को संबोधित कर रहे थे। विरक्ति का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर आसक्ति नहीं छूटी तो सुखों की अनुभूति से वंचित रह जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने परमात्मा के साथ स्वयं को भी जानने तथा जीवन की वास्तविकता को पहचानने की सीख दी तथा कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि जीवन एक प्रश्न बन जाए। उन्होंने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं तथा संघर्ष भी करने पड़ते हैं।

prime article banner

भगवान राम एवं कृष्ण का जीवन भी जन्म से मृत्यु तक संघर्षों में ही बीता। उन्होंने कहा कि हर उतार चढ़ाव के बीच हर हाल में खुश रहने की आदत बना लेनी चाहिए। इच्छाएं कम करने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि मन को शांत रखना है तो इच्छाओं को समाप्त करना पड़ेगा। उन्होनें जरूरतमंदों के काम आने, ईश्वर को हमेशा याद रखने एवं विकृतियों से बचने की प्रेरणा भी दी। इससे पूर्व स्वामी धर्मदेव महाराज के शिष्य तिलक राज, रमेश मैंदीरत्ता, छबीलदास सहगल, जयकिशन वर्मा, नवनीत मलिक, वेद प्रकाश भोला, अनुराधा शर्मा, ज्योति शर्मा तथा दिव्या आदि ने भजन प्रस्तुत किए। इधर बृहस्पतिवार सुबह आयोजित देव पूजन तथा हवन यज्ञ में स्वामी धर्मदेव महाराज के शिष्य अभिषेक बांगा, प्राचार्य मदन मोहन भट्ट, ओम प्रकाश बत्रा, विजय शास्त्री सहित अनेकों श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK