करोड़ों का आशियाना, बिजली का नहीं ठिकाना
ये गुरुग्राम की डीएलएफ फेज-1 2 सुशांत लोक आरडी सिटी में बिजली कट से बिलों की समस्याओं उपभोक्ता काफी परेशान है।
जागरण संवाददाता, नया गुरुग्राम: नये गुरुग्राम की डीएलएफ फेज-1, 2, सुशांत लोक, आरडी सिटी में बिजली कट व बिलों की समस्याओं से उपभोक्ता काफी परेशान हैं। बिजली की अघोषित कटौती को लेकर वह सुविधाओं पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। यहां रहने वाले लोग बताते हैं कि एक-एक दिन में छह से सात घंटे बिजली नहीं रहती है। हालांकि एसडीओ गौरव दहिया इसका मुख्य कारण रख-रखाव एवं तेज आंधी बता रहे हैं। वहीं कट लगाने से भी आरडब्ल्यूए एवं लोगों को सूचित करने का भी दावा है। वहीं अन्य सुविधाएं भी सही नहीं होने से लोग परेशान हैं।
लॉकडाउन के बाद से लोग बिजली कट, बिजली बिल न मिलने, अस्थायी रीडिग के बिल, बिलों में सुधार, बिजली जमा करने की सुविधा जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं। डीएलएफ फेज-1, 2 निवासी दीपक गुप्ता, प्रदीप बाली, दीपक कुमार, मनोज इत्यादि का कहना है कि समय पर बिलों की अदायगी करने पर भी विभाग की सुविधाएं शून्य हैं। बिल जमा करने में परेशानी
बिजली निगम की तरफ से डीएलएफ-1 अर्जुन मार्ग पर बिल जमा करने की सुविधा थी, लेकिन अब वह भी नहीं। जिससे ऑनलाइन बिल जमा न करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को बिल जमा करने में परेशानी होती है। बिलों में सुधार भी हिसार केंद्र से होने क कारण दिक्कतें आ रही है। निगम पार्षद ने भी की शिकायत
मुख्य अभियंता बिजली निगम को उक्त समस्याओं के समाधान के लिए पत्र लिखा है। चेतावनी भी दी है कि जल्द समाधान नहीं हुआ तो लोगों को प्रदशर्न के लिए मजूबर होना पड़ेगा।
आरएस राठी, निगम पार्षद डीएलएफ लाकडॉउन की वजह से रीडिग नहीं ली गई जिसके बाद से लोगों को अस्थायी बिल भेजे जा रहे हैं। जुलाई माह में लोगों को बिल की प्राप्ति भी नहीं हुई और बिल ऑनलाइन भी अपलोड नहीं किए गए।
सुनील भाटिया निवासी, डीएलएफ-1 लगातार बिजली के अघोषित कट लग रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड होने के बाद भी स्थिति जस की तस है।
टीएन कॉल, निवासी आरडी सिटी बीते 15 दिनों से इलाके में दिन में कई-कई कट लग रहे हैं। पॉश कॉलोनियों में भारी-भरकम बिल भरने के बाद भी लोग बिजली जैसी सुविधा के लिए जूझ रहे हैं।
शिव शंकर राय, निवासी सुशांत लोक-1 रख-रखाव या पेड़ों की छंटाई की वजह से बिजली के कट लेने पड़ते हैं, जिसकी सूचना पहले से दी जाती है। कई बार तो कई कुछ मिनट के होते हैं। बिलों में सुधार के लिए निगम की तरफ से ट्रस्ट रीडिग से दो दिन में बिल ठीक कराया जा सकता है। निगम के पास कट का पूरा रिकॉर्ड है। सुविधाओं में कहीं कोई कमी नहीं है।
जोगिन्द्र हुड्डा, अधीक्षण अभियंता, बिजली निगम