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आखिर औद्योगिक इकाइयों पर ट्रेड लाइसेंस लेने का दबाव किस लिए

नगर निगम गुरुग्राम और नगर निगम मानेसर द्वारा विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक इकाइयों को ट्रेड लाइसेंस का नोटिस भेज रहा है। इससे उद्योग जगत में भारी नाराजगी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 06:19 PM (IST)
आखिर औद्योगिक इकाइयों पर ट्रेड लाइसेंस लेने का दबाव किस लिए
आखिर औद्योगिक इकाइयों पर ट्रेड लाइसेंस लेने का दबाव किस लिए

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम, गुरुग्राम और नगर निगम, मानेसर द्वारा विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक इकाइयों को ट्रेड लाइसेंस का नोटिस भेज रहा है। इससे उद्योग जगत में भारी नाराजगी है। उद्यमियों का कहना है कि सैद्धांतिक रूप से प्रदेश सरकार ईज आफ डूइंग बिजनेस की बात करती है, मगर जमीनी स्तर पर अड़चन पैदा करने वाला निर्णय लिया जाता है। इससे औद्योगिक वातावरण नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहा है। जब से ट्रेड लाइसेंस का नोटिस आना शुरू हुआ है उद्यमी काफी परेशान हैं।

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उद्यमी एसपी अग्रवाल का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से औद्योगिक सेहत तेजी से प्रभावित हुई है। फेस्टिवल सीजन से औद्योगिक क्षेत्र में उत्साह लौटना शुरू हुआ तो उद्यमियों को लग रहा था कि आने वाले दिन उनके लिए अच्छे होंगे। इसी बीच नगर निगम द्वारा उद्यमियों को ट्रेड लाइसेंस का नोटिस भेजा जाने लगा है। इनका कहना है कि जब फैक्टरी लाइसेंस एक्ट के तहत औद्योगिक इकाइयां गुरुग्राम में स्थापित हुई हैं। ऐसे में इनके लिए ट्रेड लाइसेंस का प्रविधान करना किसी भी ²ष्टि से उचित नहीं है।

उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष, अनिमेश सक्सेना का कहना है कि ट्रेड लाइसेंस के लिए उद्योगों पर दबाव बनाना उचित नहीं है। गुड़गांव चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव एसके आहूजा का कहना है कि उद्योगों को ट्रैक पर लाने के लिए सरकार को सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है। ट्रेड लाइसेंस को लेकर बनाया जा रहा दबाव औद्योगिक सेहत के लिए उचित नहीं है।

गुरुग्राम जिला बड़ा औद्योगिक हब है। देश के सबसे बड़े आटोमोबाइल हब आइएमटी मानेसर 2500, उद्योग विहार, 2200, कादीपुर में 300, दौलताबाद 350 और सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 800 औद्योगिक इकाइयां हैं। इन सभी क्षेत्रों के उद्यमी को इस समय काफी परेशान हैं। इनका कहना है कि ट्रेड लाइसेंस का नोटिस नगर निगम वापस लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो तो प्रदेश सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। उद्यमी कई प्रकार के टैक्स सरकार को दे रहे हैं। ऐसे में नए-नए करों का बोझ बढ़ाना ठीक नहीं है। ऐसे ही रहा तो शहर से उद्योगों का मोह भंग हो जाएगा।

मेरा सवाल यह है कि ट्रेड लाइसेंस लेने के बदले उद्योगों को सरकार क्या सुविधा देने जा रही है। ट्रेड प्रमोशन के लिए नगर निगम कुछ सकारात्मक करने जा रहा है तो इसे स्पष्ट करे। यदि ऐसा नहीं है तो उद्योगों पर अनावश्यक दबाव क्यों बनाया जा रहा है? इससे औद्योगिक वातावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। ट्रेड लाइसें के नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए। इसे लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और शहरी स्थानीय निकाय निकाय मंत्री अनिल विज को फेडरेशन पत्र लिखने जा रहा है।

दीपक मैनी, महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री, हरियाणा


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