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    बार-बेंच सुरक्षित नहीं फिर कौन सुरक्षित?

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 25 Jul 2019 08:12 PM (IST)

    अधिवक्ता नवीन यादव की मौत से न केवल सभी अधिवक्ताओं में बल्कि हर क्षेत्र के लोगों में रोष है। ...और पढ़ें

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    बार-बेंच सुरक्षित नहीं फिर कौन सुरक्षित?

    आदित्य राज, गुरुग्राम

    नूंह के अधिवक्ता नवीन यादव की मौत से न केवल सभी अधिवक्ताओं में, बल्कि हर क्षेत्र के लोगों में रोष है। पंचायत में दोनों पक्ष के बीच समझौता होने के बाद एक पक्ष ने उनके ऊपर हमला किया। महिलाओं ने पत्थर बरसाए व युवकों ने लाठियां बरसाईं। हमले में गंभीर रूप से घायल नवीन यादव की बुधवार रात मौत हो गई। उनकी हत्या पर रोष का आलम यह है कि नूंह की अदालतों के साथ ही गुरुग्राम की सभी अदालतों में कामकाज नहीं हुआ। हर किसी के मुंह से यही आवाज निकल रही है कि यदि बार-बेंच भी सुरक्षित नहीं तो फिर कौन सुरक्षित है? इसे देखते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाकर उसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग तेज हो गई है।

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    नूंह जिले के गांव उदाका निवासी नवीन यादव के ऊपर उनके गांव में ही एक समुदाय विशेष के लोगों ने पिछले सप्ताह हमला किया था। दो पक्षों के बीच झगड़ा होने पर एक पक्ष के साथ वह थाने चले गए थे। वह भी उनके कहने पर गए थे। मामला थाने में पहुंचने के बाद आयोजित पंचायत में दोनों पक्ष के बीच समझौता हो गया। इसके बाद दूसरे पक्ष ने उनके ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। लोगों का कहना है कि एक अधिवक्ता के नाते नवीन यादव ने जो कुछ भी किया वह उचित था। पंचायत में समझौते के बाद सरेआम हमला करना यह दर्शाता है कि कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। यदि ऐसे लोगों को सबक नहीं सिखाया गया तो वे किसी के ऊपर कभी भी हमला बोल सकते हैं।

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    अधिवक्ता नवीन यादव के ऊपर जानलेवा हमला आरोपितों के मनोबल को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि उनके लिए कानून कोई मायने नहीं रखता। वे जो चाहे कर सकते हैं। ऐसे लोगों के साथ सख्ती से काम लेना होगा अन्यथा स्थिति दिन प्रतिदिन खराब हो जाएगी। फिलहाल आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ ही मृतक के परिवार को सहायता राशि दी जाए।

    --- अजय चौधरी, सदस्य, पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल अब प्रदेश सरकार जल्द से जल्द एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाकर लागू करे। अधिवक्ताओं से लेकर गवाहों को धमकियां दी जाती हैं। ऐसी स्थिति में कैसे काम होगा। एक्ट बनाकर लागू करने से सुरक्षा की चिता की जाएगी। अधिवक्ता नवीन यादव को जान से मारने की धमकी दी गई थी। वह अपने पेशे के मुताबिक काम कर रहे थे।

    -प्रवेश यादव, सदस्य, पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल अधिवक्ता नवीन यादव की हत्या ने दर्शा दिया है कि किसी-किसी इलाके में कानून का राज नहीं है। गांव में ही एक अधिवक्ता के ऊपर जानलेवा कर दिया गया। जब अधिवक्ता के साथ ऐसा हो सकता है फिर कौन सुरक्षित है? यह स्थिति बहुत खतरनाक है। इलाके में कानून व्यवस्था की समीक्षा होनी चाहिए।

    -मीर सिंह यादव, अध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन, गुरुग्राम अधिवक्ता नवीन यादव के ऊपर जानलेवा हमला करना यह दर्शाता है कि गांव उदाका में कानून का कोई मतलब नहीं। अपने गांव में एक अधिवक्ता के ऊपर जानलेवा किया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। प्रशासन जल्द से जल्द से आरोपितों को गिरफ्तार करे। साथ ही अधिवक्ताओं की सुरक्षा के बारे में विचार करे।

    -कुलभूषण भारद्वाज, पूर्व अध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन, गुरुग्राम किसी अधिवक्ता के साथ ऐसी घटना संभवत: पहले नहीं हुई। यह शुभ संकेत नहीं है। कोई भी मामला यदि अधिवक्ता के सामने आएगा तो वह उससे मुंह नहीं मोड़ सकता। मामले को देखना उसकी जिम्मेदारी है। अधिवक्ता नवीन यादव ने अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। इसके बदले उनके ऊपर हमला किया गया।

    - एनएस मंगला, वरिष्ठ अधिवक्ता पिछले कुछ समय से बार व बेंच के ऊपर हमले तेज हो गए हैं। जुबानी हमले की बात दूर अब तो जानलेवा हमला शुरू कर दिया गया। नवीन यादव के ऊपर जानलेवा हमले ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। बहुत ही दुखद घटना है। आरोपितों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए कि आगे से कोई हिम्मत न करे।

    -हरकेश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता