गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने में डॉ. केपी सिंह का अहम योगदान
डीएलएफ के चेयरमैन डॉ. केपी सिंह 90 वर्ष की उम्र में बृहस्पतिवार को सेवानिवृत हो गए। उनके कार्यकाल में इस कंपनी ने गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने में बड़ा योगदान दिया। जागरण संवाददाता गुरुग्राम डीएलएफ के चेयरमैन डॉ. केपी सिंह 90 वर्ष की उम्र में बृहस्पतिवार
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: डीएलएफ के चेयरमैन डॉ. केपी सिंह 90 वर्ष की उम्र में बृहस्पतिवार को सेवानिवृत हो गए। उनके कार्यकाल में इस कंपनी ने गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने में बड़ा योगदान दिया। शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में डीएलएफ का बहुत बड़ा योगदान है। यही कारण है कि डॉ. केपी सिंह को आधुनिक रियल एस्टेट का आर्किटेक्ट भी कहा जाता है।
वर्ष 1970 में डीएलएफ ने गुरुग्राम में डीएलएफ सिटी परियोजना को विकसित करना शुरू किया था। इसकी योजनाओं में बुनियादी ढाचे और एसईजेड (विशेष आíथक क्षेत्र) संबंधी विकास परियोजनाएं शामिल हैं। गुरुग्राम में कॉमर्शियल से लेकर रिहायशी क्षेत्र के निर्माण में इस कंपनी का बड़ा नाम है। मॉल्स से लेकर लक्जरी फ्लैट तक का निर्माण इस कंपनी के द्वारा किया गया। फेज-एक से लेकर पाच तक डीएलएफ की परियोजनाएं बसी हुईं हैं। गुरुग्राम में प्रवेश करते ही डीएलएफ द्वारा कराए गए विकास की झलक हर किसी को स्पष्ट नजर आती है। यह सबकुछ डॉ. केपी सिंह के सशक्त नेतृत्व में संभव हुआ है। उनकी दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि एक ठेठ ग्रामीण क्षेत्र साइबर सिटी के तौर पर विकसित हुआ।
उनकी कुशलता और कारोबारी दक्षता को देखते हुए फोर्ब्स की वर्ष 2009 की अमीर अरबपतियों की सूची में उनका नाम शामिल किया गया। जुलाई 2007 में कंपनी का दो अरब अमेरिकी डॉलर वाला आइपीओ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आइपीओ रहा है। डॉ. केपी सिंह के बाद चेयरमैन का पद राजीव सिंह संभालेंगे।
अपनी सेवानिवृति के मौके पर डॉ. केपी सिंह ने कहा कि मैं अपने सभी हितधारकों और विशेष रूप से हमारे ग्राहकों का आभार व्यक्त करता हूं, जिनके विश्वास के बिना डीएलएफ का सफलता की इबारत लिखना मुमकिन नहीं था। निदेशक मंडल और डीएलएफ परिवार का भी उन्होंने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अब हम एक नए भारत की ओर बढ़ रहे हैं। जो अविश्वसनीय गति से बदल रहा है, मुझे विश्वास है कि राजीव सिंह के नेतृत्व में डीएलएफ राष्ट्रीय विकास में योगदान देता रहेगा।