लॉकडाउन में 900 किलोमीटर चल कर तावड़ू पहुंचा जेसीबी चालक
संवाद सहयोगी तावडू़ कंटेनमेंट व बफर जोन घोषित होते ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी डोर टू डोर स्क्रीनिग में एक युवक की ट्रेवल हिस्ट्री की चौंकाने वाली दास्तां सामने आई है।
संवाद सहयोगी, तावडू़ (नूंह) : लॉकडाउन में पुलिस के सख्त पहरे के बावजूद एक जेसीबी चालक 900 किलो मीटर चल कर अपने गांव तावड़ू के रानीयाकी पहुंच गया। वह इटारसी (मध्य प्रदेश) से चार अप्रैल को पैदल चला और छह दिनों का सफल तय कर 9 अप्रैल को अपने गांव पहुंच गया। ग्रामीणों द्वारा इसकी मिलते ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। युवक की शारीरिक जांच करने के बाद उसे 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन कर दिया।
ट्रैवल हिस्ट्री जान सब हैरान : युवक ने बताया कि फरवरी में अपने गांव से इटारसी गया था। वहां पर जेसीबी चलाता है। पर कोरोना के चलते मार्च में सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा की गई तो वह गांव आने से लिए बेचैन हो उठा। इस दौरान गांव आने की कई बार कोशिश की, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के चलते सफल नहीं हुआ। पर प्रयास नहीं छोड़ा और चार अप्रैल को घर जाने की जिद्द लिए पैदल की चल दिया। बीच रास्ते में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ता गया। जहां जो मिला खाता और नहीं मिलने पर थक कर भूखा ही सो जाता। जब नींद खुलती तो फिर पैदल चलने लगया। इस तरह छह दिन चल कर गुरुवार को वह अपने गांव पहुंच गया।
तावड़ू पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर डॉ. देवेंद्र सोलंकी ने हैरत जाहिर करते हुए कहा कि इतनी लंबी यात्रा कर प्रशासन की नजरें बचता हुआ कोई कैसे पहुंच सकता है। हालांकि प्राथमिक जांच में संक्रमित होने के लक्षण नहीं मिले हैं। पता लगाया जा रहा है कि वह कहां-कहां रुका और किन-किन लोगों के संपर्क में आया है।