बिजली निगम की लापरवाही से जेनरेटर चलाने को मजबूर लोग
बिजली अधिकारियों की लापरवाही से लगातार बिजली कटौती से उपभोक्ता बेहद त्रस्त है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए रोक के बावजूद लोगों को मजबूरन जनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बिजली अधिकारियों की लापरवाही से लगातार बिजली कटौती से उपभोक्ता बेहद त्रस्त है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए रोक के बावजूद लोगों को मजबूरन जनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। बिजली निगम के अधिकारी तथा कर्मचारी लोगों की बिजली कटौती की समस्या को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। बिजली निगम के अधिकारी उपभोक्ताओं के फोन भी नहीं उठाते हैं। अगर गलती से फोन उठा भी लेते हैं तो उपभोक्ताओं को सही जानकारी देने के बजाय गुमराह करते हैं।
बादशाहपुर में शुक्रवार को बिजली निगम ने 66केवी सबस्टेशन में मरम्मत के नाम पर पूरा दिन बिजली बंद रखी। बिजली बंद होने के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। कटौती का समय सुबह 10 बजे से शाम पांच तक का बताया गया था, लेकिन पांच बजे के बाद भी सिविल लाइंस, उपायुक्त कैंप कार्यालय, जैकबपुरा, सेक्टर-15, फ्रेंड्स कालोनी, बरफखाना आदि इलाकों में बिजली गुल रही।
सिविल लाइंस का इलाका बिजली निगम के कादीपुर उपमंडल कार्यालय के अंतर्गत है। इस क्षेत्र का कार्यभार जेई राम बहादुर के पास है। बिजली कटौती होने की स्थिति में उपभोक्ताओं ने जब उपमंडल अभियंता तथा जेई को उनके सरकारी मोबाइल पर संपर्क किया तो फोन उठाया ही नहीं गया। जेई राम बहादुर ने कुछ उपभोक्ताओं के फोन उठाए तो उन उपभोक्ताओं को गुमराह किया गया।
सिविल लाइंस के उपभोक्ता सुरेंद्र सिंह का कहना है कि जब जेई को फोन किया तो उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के कारण बिजली कटौती की गई है। एक अन्य उपभोक्ता एसके सिंह का कहना है कि उपमंडल अभियंता तो कभी फोन उठाते ही नहीं है। जेई ने फोन उठाया तो कहा 10 मिनट के लिए बिजली बंद हो गई तो क्या हो गया।
सिविल लाइंस तथा उपायुक्त आवास कैंप कार्यालय के आसपास के क्षेत्र में कुछ फाल्ट आ गया था। शिकायत आने पर फाल्ट जल्द ही ढूंढ लिया गया। कर्मचारी काम पर लगे हुए हैं। जल्द ही बिजली आपूर्ति चालू कर दी जाएगी। फोन नहीं उठाए जाने की शिकायत पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
एचएस जाखड़, कार्यकारी अभियंता, सिटी डिवीजन, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम