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रहेजा अक्षरा फेज एक व दो को दिए गए ओसी की जांच के लिए कमेटी गठित

सोहना स्थित सेक्टर-14 रहेजा डेवलपर्स द्वारा विकसित किए गए अक्षरा फेज एक व दो प्रोजेक्ट में बुनियादी सुविधाएं विकसित न होने से लोग अपने आप को ठगा से महसूस कर रहे है। आवंटियों ने नगर योजनाकार विभाग द्वारा जारी किए गए आक्यूपेशन सर्टिफिकेट पर भी सवाल खड़ा कर दिए है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 08:54 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 08:54 PM (IST)
रहेजा अक्षरा फेज एक व दो को दिए गए  ओसी की जांच के लिए कमेटी गठित
रहेजा अक्षरा फेज एक व दो को दिए गए ओसी की जांच के लिए कमेटी गठित

गौरव सिगला, नया गुरुग्राम

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सोहना स्थित सेक्टर-14 रहेजा डेवलपर्स द्वारा विकसित किए गए अक्षरा फेज एक व दो प्रोजेक्ट में बुनियादी सुविधाएं विकसित न होने से लोग अपने आप को ठगा से महसूस कर रहे है। आवंटियों ने नगर योजनाकार विभाग द्वारा जारी किए गए आक्यूपेशन सर्टिफिकेट पर भी सवाल खड़ा कर दिए है। बुधवार को वरिष्ठ नगर योजनाकार संजीव मान की अध्यक्षता में हुई बैठक में एसटीपी ने जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी है। इस संबंध में रहेजा बिल्डर के चेयरमैन को संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने न तो काल रिसीव की और न ही वाट्स एप पर दिए गए मैसेज का जवाब दिया।

बता दें कि रहेजा डेवलपर्स ने सोहना में दीनदयाल योजना के तहत 2017 में अक्षरा फेज एक व दो कालोनी लांच की थी और लोगों ने यहां बुकिग में प्लाट खरीदे थे। 2019 तक कालोनी में कुछ नहीं हुआ। आवंटी विक्रम वर्मा की मानें तो बिल्डर को जून 2019 में बिना सुविधाएं विकसित करे टाउन प्लानिग विभाग से ओसी भी मिल गया। अक्टूबर 2019 तक बिल्डर ने आवंटियों से लगभग 90 प्रतिशत राशि भी वसूल ली। फरवरी 2020 में आवंटियों से रजिस्ट्री, स्टांप, वकील की फीस ली और 2021 में रजिस्ट्रयां करा दी लेकिन हैरत की बात यह है कि मौके पर अब लोग बिना सुविधाओं के अपने प्लाट विकसित भी करें तो कैसे करें। यहीं नहीं बिल्डर अब अवैध रूप से हाईस्कूल की एक साइट पर प्लाट काट रहा है।

आवंटी विनीत अग्रवाल का कहना है कि मौके पर जो 24 मीटर सड़कें दिखाई गई है, उनमें से किसी का निर्माण नहीं हुआ, पतली से सीमेंट की सड़क बनाई है, उनमें भी दरारें पड़ी हुई है। टाउनशिप के नाम पर आज यहां जंगल खड़ा हुआ है जिसमें खेती की जा रही है। हम लोगों ने अपनी जीवन भर की पूंजी लगा दी है और अब मकान नहीं बना पा रहे है। पानी, सीवर, ड्रेन का कुछ अता-पता तक नहीं है। बिजली के नाम पर केवल खंभे खड़े हुए है और वह भी टूटने लगे है।

आवंटियों ने एसटीपी को दिखाए कागजात में बताया कि नगर योजनकार विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत और प्रोजेक्ट की सुविधाओं को लेकर गलत अपडेट व फोटो लगाकर ओसी हासिल किया गया। प्रोजेक्ट को लेकर एटीपी प्लानिग, एटीपी एन्फोर्समेंट व एटीपी एसटीपी कार्यालय की कमेटी गठित की गई है जो पूरे मामले की जांच करेगी। बैठक में देखे गए कागजात से प्रतीत होता है कि गलत कागजात का सहारा लेकर ओसी हासिल किया गया है। जांच पूरे होने के बाद दोषियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया जाएगा। रहेजा बिल्डर प्रबंधन की तरफ से बैठक में कोई मौजूद भी नहीं रहा।

संजीव मान, एसटीपी, नगर योजनाकार विभाग


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