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कूड़ा उठान के नाम पर खाली हो रहा निगम का खजाना

पिछले साढ़े चार साल में नगर निगम सिर्फ कूड़ा उठाने (टिपिग फीस)के एवज मे ही कचरा प्रबंधन करने वाली इको ग्रीन एनर्जी कंपनी को लगभग 144 करोड़ का भुगतान कर चुका है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 07:08 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 07:08 PM (IST)
कूड़ा उठान के नाम पर खाली हो रहा निगम का खजाना
कूड़ा उठान के नाम पर खाली हो रहा निगम का खजाना

संदीप रतन, गुरुग्राम

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गुरुग्राम और फरीदाबाद से कूड़ा उठाने के नाम पर गुरुग्राम नगर निगम का खजाना खाली किया जा रहा है। पिछले साढ़े चार साल में नगर निगम सिर्फ कूड़ा उठाने (टिपिग फीस)के एवज मे ही कचरा प्रबंधन करने वाली इको ग्रीन एनर्जी कंपनी को लगभग 144 करोड़ का भुगतान कर चुका है। इसके अलावा इको ग्रीन की ओर से घरों से कूड़ा उठाने का अलग से शुल्क भी वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं पड़ोसी जिले फरीदाबाद की टिपिग फीस (हर महीने लगभग दो करोड़ रुपये) भी गुरुग्राम निगम के खजाने से दी जा रही है।

गुरुग्राम और फरीदाबाद की टिपिग फीस प्रत्येक माह लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये है। खास बात ये है कि इको ग्रीन एनर्जी साढ़े चार वर्ष बाद भी बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट (कचरे से बिजली बनाने का संयंत्र) स्थापित नहीं कर पाई है। इसके कारण बंधवाड़ी में कूड़े का पहाड़ घटने के बजाय बढ़ता जा रहा है। इससे अरावली पहाड़ी एवं वन क्षेत्र को भी कूड़े से निकलने वाले लीचेट आदि से नुकसान हो रहा है।

प्लांट लगा नहीं, टिपिग फीस भी तीन गुना

टेंडर की शर्तों के मुताबिक वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगने और संचालित होने के बाद टिपिग फीस 333 रुपये प्रति टन के हिसाब से दी जानी है। इको ग्रीन एनर्जी ने दिसंबर 2017 में काम करना शुरू किया था और दो वर्ष के अंदर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किया जाना था, लेकिन अब तो साढ़े चार वर्ष बीत चुके हैं। निगम अधिकारियों के मुताबिक प्लांट लगाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति देरी से मिली है और प्लांट लगाने के लिए दो वर्ष और समय दिया गया है। इससे सीधा आर्थिक नुकसान ये हो रहा है कि टिपिग फीस तीन गुना ज्यादा यानी हजार रुपये प्रति टन देनी पड़ रही है। गुरुग्राम और फरीदाबाद से लगभग 1500 टन कूड़ा बंधवाड़ी में पहुंच रहा है।

एक महीने में खाली नहीं हो पाएगी जमीन

बंधवाड़ी में पड़ा 30 लाख टन कूड़ा समस्या बन गया है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने के लिए लैंडफिल साइट पर दस एकड़ जमीन खाली चाहिए। लेकिन 15 ट्रोमल मशीनें लगाने के बावजूद कूड़े का ढेर कम नहीं हो पा रहा है। अब 16 करोड़ की लागत से इको ग्रीन के जोखिम एवं कीमत (रिस्क एंड कोस्ट) पर 15 और ट्रोमल मशीनें कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए लगाई जाएंगी। बंधवाड़ी में दस एकड़ जमीन खाली करने के लिए अक्टूबर तक की डेडलाइन तय की गई है, लेकिन एक महीने में जमीन खाली नहीं हो पाएगी। ऐसे में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने में देरी हो सकती है। - बंधवाड़ी में कूड़े के निपटान के लिए ट्रोमल मशीनें लगी हुई हैं। 15 और ट्रोमल मशीनों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए जल्द ही जमीन खाली करने का प्रयास है।

हरिओम अत्री, संयुक्त आयुक्त नगर निगम गुरुग्राम।


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