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राष्ट्रीय राजमार्गो पर हादसों को रोकने के लिए इंजीनियरों ने किया आकलन

राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रहे हादसों के ऊपर कैसे रोक लगे इस बारे में 80 इंजीनियरों ने शुक्रवार को निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे द्वारका एक्सप्रेस-वे एवं गुरुग्राम-सोहना हाईवे का दौरा किया। सभी अपने सुझाव देंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 07:41 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 07:41 PM (IST)
राष्ट्रीय राजमार्गो पर हादसों को रोकने के लिए इंजीनियरों ने किया आकलन
राष्ट्रीय राजमार्गो पर हादसों को रोकने के लिए इंजीनियरों ने किया आकलन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रहे हादसों के ऊपर कैसे रोक लगे, इस बारे में 80 इंजीनियरों ने शुक्रवार को निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, द्वारका एक्सप्रेस-वे एवं गुरुग्राम-सोहना हाईवे का दौरा किया। सभी अपने सुझाव देंगे। उन सुझावों पर विमर्श करने के बाद उनके ऊपर काम किया जाएगा।

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पिछले कुछ सालों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में खासकर एलिवेटेड हिस्से के निर्माण में कई बार गड़बड़ी की शिकायत सामने आ चुकी है। इसी साल मार्च में द्वारका एक्सप्रेस-वे के एलिवेटेड हिस्से की दो स्लैब गिर गई थी। इससे पहले गुरुग्राम-सोहना हाईवे के निर्माण के दौरान वाटिका चौक से पहले स्लैब गिर गई थी। हीरो होंडा चौक फ्लाईओवर में कई बार गड़बड़ी की शिकायत सामने आ चुकी है। हादसों से न केवल निर्माण कंपनियों की बदनामी होती है बल्कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) से लेकर केंद्र सरकार की भी बदनामी होती है। इसे ध्यान में रखकर इंडियन एकेडमी आफ हाईवे इंजीनियर्स द्वारा सोहना रोड स्थित एक होटल में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है। इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के इंजीनियरों के साथ ही संबंधित कंसल्टेंट कंपनियों व कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लगभग 80 इंजीनियर हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम के दूसरे दिन सभी इंजीनियरों को निर्माण साइटों का दौरा कराया गया। उन्हें निर्माण के दौरान किन-किन विषयों पर ध्यान रखना चाहिए, यह जानकारी दी गई। साथ ही उनसे कहा गया कि क्या बेहतर हो सकता है, इस बारे में सुझाव दें। निर्माण साइटों के दौरे के दौरान एनएचएआइ के सदस्य आरके पांडेय, परियोजना निदेशक (सोहना) सुरेश कुमार, आइएएचई के निदेशक संजीव कुमार एवं संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार शर्मा भी उपस्थित थे। पिछले दो दिनों के दौरान यह बात सामने आई कि निर्माण के दौरान क्वालिटी के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। काम के दौरान इंजीनियरिग मौके पर मौजूद रहें। श्रमिकों के भरोसे काम नहीं छोड़ना चाहिए। खासकर एलिवेटेड हिस्से के निर्माण के दौरान एक-एक विषय पर बारीकी से ध्यान देने की आवश्यकता है।


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