जीएसटी काउंसिल की बैठक पर टिकीं उद्यमियों की निगाहें
जागरण संवाददाता गुरुग्राम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को गुड्स एंड सर्विसेज
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की बैठक होने जा रही है। इस बैठक पर साइबर सिटी के उद्यमियों की दृष्टि गड़ी हुई है। उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो पेट्रोल एवं डीजल के दाम में कमी आएगी और उद्योग जगत को बड़ी राहत मिलेगी। इससे औद्योगिक उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन की लागत में भी कमी आएगी। लंबे समय से उद्योग जगत की ओर से पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की जा रही है।
डीजल और पेट्रोल के जीएसटी के दायरे में आने से उद्योगों को ही नहीं, कारोबारी वर्ग को भी बड़ी राहत मिलेगी। कोविड-19 महामारी के असर से उबरने का प्रयास कर रहे उद्योग एवं कारोबार जगत पेट्रोलियम के दाम कम होने से काफी लाभ होगा। उद्यमी आकाश गहरोत्रा का कहना है कि इस समय वाहन ईधन के दाम अत्यधिक बढ़े हुए हैं। यदि इसे लेकर लखनऊ से अच्छी खबर आती है तो आमजन के लिए भी यह बड़ी राहत वाली बात होगी। वर्तमान में पेट्रोल व डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क लगाया जाता है। ऊपर से प्रदेश सरकार द्वारा वैट वसूला जाता है। इस कारण इनके दाम आसमानी हो गए हैं।
वर्जन
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के रुख को देखते हुए इस बात की प्रबल संभावना दिख रही है कि डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लगाया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो उद्योगों के लिए यह राहत की बात होगी।
-दीपक मैनी, महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री, हरियाणा पेट्रोल और डीजल की महंगाई का असर उद्योग एवं कारोबार जगत पर ही नहीं, आमजन पर भी भारी पड़ रहा है। जीएसटी काउंसिल की लखनऊ में होने जा रही बैठक से उम्मीद है कि पेट्रोलियम जीएसटी के दायरे में इस बार अवश्य आ जाएगा।
-प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन