गडकरी देंगे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण को रफ्तार
-केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री 16 को करेंगे निर्माण कार्यो का निरीक्षण -दिल्ली सहित देश के पांच राज्यों से गुजरेगा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे -केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री 16 को करेंगे निर्माण कार्यो का निरीक्षण -दिल्ली सहित देश के पांच राज्यों से गुजरेगा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे द्दड्डस्त्रद्मड्डह्मद्ब 2द्बद्यद्य ह्यश्चद्गद्गस्त्र ह्वश्च ह्लद्धद्ग ष्श्रठ्ठह्यह्लह्मह्वष्ह्लद्बश्रठ्ठ श्रद्घ ष्ठद्गद्यद्धद्ब-रूह्वद्वढ्डड्डद्ब श्व3श्चह्मद्गह्यह्य2ड्ड4
आदित्य राज, गुरुग्राम
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यो का केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी 16 सितंबर को सड़क व हवाई मार्ग से निरीक्षण लेंगे। वह दिल्ली से सीधे सोहना इलाके के गांव अलीपुर पहुंचेंगे। वहां से कार से लगभग नौ किलोमीटर तक के भाग का निरीक्षण करेंगे। आगे का निरीक्षण हेलीकाप्टर से करेंगे। इसके लिए गांव लोहटकी में हेलीपैड बनाया जा रहा है। गांव लोहटकी में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के भी पहुंचने की चर्चा है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। इसका शिलान्यास वर्ष 2019 के दौरान किया गया था। वर्ष 2023 में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित समय के दौरान निर्माण कार्य पूरा हो, इसे लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 16 सितंबर को निरीक्षण करेंगे। जहां कहीं भी निर्माण कार्य में बाधा आ रही है, उसके बारे में अधिकारियों से चर्चा करेंगे। 1,350 किलोमीटर में से लगभग 80 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में पड़ेगा। हरियाणा में अधिकतर हिस्सा सोहना से शुरू होकर फिरोजपुर झिरका तक होगा। इसके बाद राजस्थान का इलाका शुरू हो जाता है।
12 घंटे में कार से दिल्ली से पहुंच जाएंगे मुंबई : एक्सप्रेस-वे बनने के बाद केवल 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई का सफर कार से लोग कर सकेंगे। वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 1,510 किलोमीटर है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दूरी 1,350 किलोमीटर रह जाएगी। निर्माण पर लगभग 90 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह पांच राज्यों से होकर गुजरेगा, जिनमें हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र शामिल हैं। नाम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे है, लेकिन इसकी शुरुआत गुरुग्राम जिले के गांव अलीपुर से है। अलीपुर में एक्सप्रेस-वे का सबसे बड़ा जंक्शन होगा। इस एक्सप्रेस-वे की खासियत यह है कि यह पांच राज्यों के अधिकतर पिछड़े इलाकों से होकर गुजरेगा। इससे इलाकों में विकास के पंख लगेंगे। हरियाणा ही नहीं, देश के पिछड़े इलाकों में शामिल नूंह जिले से होकर गुजरेगा। इससे नूंह इलाके की तस्वीर बदलने की उम्मीद है।
एक्सप्रेस-वे पर होगी हरियाली ही हरियाली : एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ लगभग 15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इससे आने वाले समय में इसके दोनों ओर हरियाली ही हरियाली नजर आएगी। वन्य जीवों को एक इलाके से दूसरे इलाके में जाने में परेशानी न हो, इसके लिए जगह-जगह पुलिया का प्रावधान किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक (सोहना) सुरेश कुमार का कहना है कि एक्सप्रेस-वे का काम काफी तेजी से चल रहा है। किसी भी स्तर पर कमी न रहे, इस पर बारीकी से ध्यान दिया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के बनने से जहां दिल्ली-मुंबई की दूरी कम होगी, वहीं ईधन की बचत भी होगी। एक्सप्रेस-वे पर कहीं भी टोल प्लाजा का बूम नहीं दिखाई देगा। इलेक्ट्रानिक माध्यम से टोल वसूला जाएगा।