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गुरुग्राम में बिजली निगम के एसडीओ और क्लर्क निलंबित, लगातार आ रही थी शिकायतें

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के साउथ सिटी उपमंडल में बढ़ती अनियमितताएं निगम के अधिकारियों के काबू से बाहर है। उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों व अनियमितताओं के चलते उपमंडल अभियंता विक्रम सिंह परमार व एलडीसी क्लर्क अशोक को निलंबित कर दिया गया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 08:09 PM (IST)
गुरुग्राम में बिजली निगम के एसडीओ और क्लर्क निलंबित, लगातार आ रही थी शिकायतें
बिजली निगम का साउथ सिटी उपमंडल कार्यालय। फाइल फोटो

बादशाहपुर (गुरुग्राम) [महावीर यादव]। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के साउथ सिटी उपमंडल में बढ़ती अनियमितताएं निगम के अधिकारियों के काबू से बाहर है। उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों व अनियमितताओं के चलते उपमंडल अभियंता विक्रम सिंह परमार व एलडीसी क्लर्क अशोक को निलंबित कर दिया गया है। विक्रम परमार से पहले उपमंडल अभियंता विकास यादव को भी निलंबित कर दिया गया था। पांच अक्टूबर 2020 को विकास यादव को निलंबित कर उनके स्थान पर 18 नवंबर को विक्रम सिंह परमार को लगाया गया था।

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अगस्त 2020 में इस उपमंडल में उपमंडल अभियंता व जेई समेत छह बिजली कर्मियों को निलंबित किया गया था। भारी अनियमितताओं के चलते मुख्य अभियंता ने इस उपमंडल में दो घंटे रोजाना बैठने के लिए कार्यकारी अभियंता की भी जिम्मेदारी लगाई थी। उसके बाद भी उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान नहीं हो पा रहा था। निलंबित उपमंडल अभियंता का मुख्यालय हिसार स्थित मुख्य अभियंता का कार्यालय रहेगा। निलंबन के आदेश दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मुख्यालय के अधीक्षण अभियंता (प्रशासन) ने किए हैं। बिजली निगम के प्रबंध निदेशक पीसी मीणा की सहमति के बाद यह निर्णय लिया गया है।

साउथ सिटी उपमंडल में अगस्त 2020 में बिजली निगम का एक बड़ा घोटाला सामने आया था, मामला नवंबर 2018 का था। उपभोक्ता के आवेदन पर नया कनेक्शन देने के बाद मीटर लगा दिया गया। मीटर को बिजली निगम के रिकार्ड में दर्ज नहीं किया गया। मामले सामने आने पर जांच अधिकारी अधीक्षण अभियंता प्रमोद गोयल ने जांच के दौरान साउथ सिटी उपमंडल के जेई विजेंदर सिंह, सीए जितेंद्र सिंह (यूडीसी) शमीम खान (यूडीसी) व लाइनमैन पवन दोषी ठहराया। चारों को निलंबित कर दिया गया था। जांच में इन कर्मचारियों की लापरवाही से बिजली निगम को 52 हजार 566 यूनिट का नुकसान हुआ। इन यूनिट का बिजली बिल 3, 67,718 रुपये बनता है। बिजली निगम के इस नुकसान की भरपाई भी जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों से करने के निर्देश दिए गए थे।

कार्यकारी अभियंता को तैनात करने पर भी नहीं सुधरे हालात

गड़बड़ी सामने आने पर उपभोक्ताओं की शिकायत का निदान करने के लिए दिल्ली जोन के मुख्य अभियंता केसी अग्रवाल ने कार्यकारी अभियंता को इस उपमंडल में रोजाना दो घंटे बैठने के निर्देश जारी किए थे। कार्यकारी अभियंता की निगरानी में भी उपमंडल में लगातार अनियमितता बढ़ती जा रही हैं। जिस तरह के हालात इस उपमंडल में चल रहे हैं उसे देखकर लगता है कि स्थिति बिजली निगम के अधिकारियों से भी बाहर है।

सेक्टर-40 में बिजली कटौती से परेशान होकर निवासियों ने मुख्य सचिव तक शिकायत की। इन शिकायतों के मिलने के बाद नौ जुलाई 2020 को मुख्य अभियंता ने पूरी टीम के साथ इलाके में दौरा किया। बिजली कटौती मामले में लापरवाही बरतने पर साउथ सिटी उपमंडल के जेई हरकेश को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। 15 अगस्त 2020 को बिजली निगम में घोटालों के आरोपित पवन लाइनमैन को गिरफ्तार किया गया। प्रवीण लाइनमैन को भी शिकायतें आने पर निलंबित कर दिया गया था।


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