Gurugram: भांगरौला कांड- महिला से था प्यार, बच्चों से थी नफरत, इसलिए नहर में फेंका
गांव भांगरौला में रह रही एक महिला व उसके बच्चों को उत्तरप्रदेश ले जाकर मेरठ के नजदीक नहर में फेंकने के आरोपितों सोनू रविता प्रदीप एवं सचिन को बृहस्पतिवार दोपहर खेड़कीदौला थाना पुलिस ने अदालत में पेश किया। इनमें से रविता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया
गुरुग्राम (आदित्य राज)। गांव भांगरौला में रह रही एक महिला व उसके बच्चों को उत्तरप्रदेश ले जाकर मेरठ के नजदीक नहर में फेंकने के आरोपितों सोनू, रविता, प्रदीप एवं सचिन को बृहस्पतिवार दोपहर खेड़कीदौला थाना पुलिस ने अदालत में पेश किया। इनमें से रविता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया जबकि तीन अन्य आरोपितों को पूछताछ के लिए एक दिन की रिमांड पर लिया गया है।
प्रारंभिक पूछताछ के मुताबिक बेटे के जन्म के बाद से महिला से सोनू एवं उसके परिवार के लोग नफरत करने लगे थे। जब वह विरोध करती थी तो उसके साथ मारपीट की जाती थी। इससे परेशान होकर आरोपितों ने तीनों को समाप्त करने का प्लान बनाया। उत्तरप्रदेश में मेरठ के नजदीक नहर में फेंकने का प्लान इसलिए बनाया ताकि मामले का किसी को पता न चले। प्लान बनाने में सचिन ने विशेष भूमिका निभाई क्योंकि वह मूल रूप से बागपत का ही रहने वाला है।
मूल रूप से बिहार निवासी सायरा (रजनी) के पति शेख अली की मृत्यु दो साल पहले हो गई थी। उस समय बेटी तोहिदा पांच साल की थी जबकि बेटा अंकूर पेट में ही था। सभी गांव भांगरौला में ही रह रहे थे। पति की मौत के कुछ ही समय बाद सायरा गांव भांगरौला के ही रहने वाले साेनू से उसकी जान-पहचान हो गई। इसके बाद दोनों साथ रहने लगे।
दोनों के बीच कोई विवाद नहीं था लेकिन बेटे के होते ही सोनू ही नहीं बल्कि परिवार के सभी लाेग उससे व उसके बच्चों से नफरत करने लगे थे। सायरा विरोध करती थी तो उसके साथ मारपीट की जाती थी। इससे परेशान होकर सोनू, उसकी मां रविता, भाई प्रदीप एवं प्रदीप के साले सचिन ने मिलकर सभी को समाप्त करने का प्लान बनाया। बताया जाता है कि सचिन ने सभी को मेरठ के नजदीक नहर में फेंकने का आइडिया दिया था।
सबसे पहले महिला को नहर में फेंका था
प्लान के मुताबिक 27 फरवरी की देर रात सभी आरोपित महिला व उसके बच्चों को लेकर मेरठ में नहर के नजदीक पहुंचे थे। सबसे पहले महिला को नहर में फेंका। इस वजह से उसे पता नहीं चल सका था कि उसके बच्चे कहां गए। महिला को फेंकने के बाद उसकी बेटी को फिर बेटे को नहर में फेंका था। महिला किसी तरह जान बचाकर गांव भांगरौला पहुंच गई और स्थानीय निवासी कृष्ण की सहायता से खेड़कीदौला थाने में पहुंची।
दो मार्च की सुबह जैसे ही मामला सामने आया वैसे ही थाना प्रभारी कृष्णकांत ने टीम बनाकर मेरठ भेजा। वहां नहर का पानी रोकते ही दोनों बच्चों के शव बागपत के नजदीक बरामद हो गए। बेटे के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को ही करा दिया गया था जबकि बेटी के शव का पोस्टमार्टम बृहस्पतिवार को कराया गया।
इस वजह से महिला समाचार लिखे जाने तक बागपत में ही थी। थाना प्रभारी कृष्णकांत का कहना है कि आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी। महिला इस स्थिति में नहीं है कि वह पीछे से बिहार में कहां की रहने वाली है, कब से गांव भांगराैला में रह रही थी, इस बारे में पूरी जानकारी दे सके।
घटनाक्रम एक नजर में
- वर्ष 2012 में सायरा की शादी शेख अली के साथ हुई थी
- वर्ष 2019 के दौरान शेख अली की मौत हो गई थी
- वर्ष 2019 के दौरान ही सोनू से सायरा की जान-पहचान हुई थी
- सोनू से जान-पहचान महेश नामक युवक ने कराई थी
- 27 फरवरी की रात आरोपित सायरा व उसके बच्चों को नहर में फेंका
- दो मार्च की सुबह सायरा ने थाने में बच्चों के अपहरण की शिकायत दी थी
- तीन मार्च की सुबह दोनों बच्चों के शव बागपत के नजदीक नहर में मिले
- तीन मार्च की ही शाम आरोपितों साेनू, रविता, प्रदीप एवं सचिन को गिरफ्तार कर लिया गया
- आरोपित चार मार्च को अदालत में पेश किए गए, रविता को न्यायिक हिरासत में भेजा गया