कृष्णमय हुआ शहर, रोशनी में नहाए मंदिर
कृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन और उत्साह में चार चांद उस समय लग गए जब मंदिरों के पट खोलने की अनुमित मिल गई।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन और उत्साह में मंदिरों के पट खोलने की अनुमति मिलने से चार चांद लग गए। बुधवार सुबह से ही मंदिरों की साफ-सफाई और सजावट शुरू हो गई। लोगों ने मंदिरों में जाकर अपनी सेवाएं भी दीं। घरों पर भी बालगोपाल के स्वागत की तैयारी जोरों पर रहीं।
लोगों ने बुधवार को बाल गोपाल की पालकियां सजाईं। हालांकि, कुछ मंदिरों को अनुमति मिलने के बाद भी नहीं खोला गया, लेकिन प्रेम मंदिर, सिद्धेश्वर मंदिर, सेक्टर चार स्थित श्रीकृष्ण मंदिर, सेक्टर-10ए स्थित श्रीकृष्ण मंदिर, सेक्टर-15 पार्ट एक स्थित राधाकृष्ण मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे।
मंदिरों में इस बात का खास ध्यान रखा गया कि शारीरिक दूरी का पालन हो। ऐसे में आयोजनों को बेहद छोटे स्तर पर किया गया। मंदिरों में झूले सजाए गए और कृष्ण जन्मोत्सव को मध्यरात्रि तक मनाया गया। बच्चे राधा-कृष्ण के परिधानों में नजर आए, तो बाजारों में भी पूजा सामग्री और मूर्तियों की दुकानों पर लोगों ने खरीदारी की। मंदिरों में तैयारी का समय नहीं मिला, लेकिन फिर भी शहर के मंदिर देर शाम रंग और रोशनी में नहाए नजर आए। लोगों ने भी समझदारी का परिचय देते हुए घरों से ही मंदिरों में हो रहे लाइव कार्यक्रम देखने का मन बनाया। हरि आश्रम पटौदी और इस्कॉन मंदिरों में बहुत कम संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और उसका लाइव प्रसारण किया गया। घरों में लोगों ने शाम से पालकियां सजानी शुरू कर दीं और मध्यरात्रि को कृष्ण का स्वागत बहुत ही सुंदर तरीके से किया। घरों में लोगों ने प्रसाद बनाकर माखन मिश्री के साथ बांटा। इस दौरान बच्चों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। मुरली मुकुट में बच्चे कृष्ण रूप में मन मोह रहे थे।